छत्तीसगढ़ में 6,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव, मुख्यमंत्री ने विदेशी निवेश के लिए किया संवाद

मुंबई में शुक्रवार (24 जनवरी) को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साई ने अमेरिकी कॉन्सुल जनरल माइक हैंकी और रूसी कॉन्सुल जनरल इवान वाई फेतिसोव के साथ स्वास्थ्य, शिक्षा, आईटी और पर्यटन क्षेत्रों में विदेशी निवेश (FDI) के अवसरों पर चर्चा की।

इस निवेश बैठक के दूसरे चरण में छत्तीसगढ़ को प्लास्टिक, वस्त्र, आईटी और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में 6,000 करोड़ रुपये के औद्योगिक प्रस्ताव मिले।

अंबुजा सीमेंट ने 2,367 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव के साथ इस अभियान का नेतृत्व किया।

मुख्यमंत्री ने राज्य की नई औद्योगिक नीति (2024-30) की सफलता को रेखांकित किया, जिससे रायपुर, दिल्ली और मुंबई में आयोजित “इन्वेस्टर कनेक्ट” बैठकों के जरिए 1 लाख करोड़ रुपये के निवेश आकर्षित किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि “न्यूनतम शासन, अधिकतम प्रोत्साहन” के सिद्धांत पर आधारित यह नीति निवेशकों की पहली पसंद बन रही है।

नीति के तहत सिंगल-विंडो सिस्टम के माध्यम से त्वरित स्वीकृति और 1,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश या 1,000 से अधिक रोजगार देने वाले उद्योगों के लिए विशेष प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं।

मुख्य प्रावधानों में 30% से 50% तक स्थायी पूंजी निवेश सब्सिडी, एसजीएसटी रिफंड, रोजगार सहायता और प्रशिक्षण खर्च की प्रतिपूर्ति शामिल हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, ग्रीन हाइड्रोजन और आईटी जैसे उभरते क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

नवा रायपुर में एक नए डेटा सेंटर की स्थापना की जा रही है, जिससे इसे आईटी हब के रूप में विकसित किया जाएगा।

राज्य ने नवा रायपुर में मध्य भारत का सबसे बड़ा फार्मास्युटिकल पार्क बनाने की योजना भी घोषित की है।

वेलस्पन ग्रुप (500 करोड़ रुपये प्लास्टिक और वस्त्र), क्रिटेक टेक्नोलॉजीज (600 करोड़ रुपये आईटी), और बॉम्बे हॉस्पिटल ट्रस्ट (700 करोड़ रुपये हेल्थकेयर) सहित कई बड़े औद्योगिक समूहों ने रुचि दिखाई है।

ड्रूल्स कंपनी ने पालतू जानवरों के भोजन और सौर ऊर्जा में 625 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया है।

मुख्यमंत्री ने नागनार स्टील प्लांट के पास नियानार में 118 एकड़ का नया औद्योगिक क्षेत्र शुरू करने की घोषणा की, जो एमएसएमई के विकास को बढ़ावा देगा।

इसके अलावा, बस्तर और सरगुजा को प्राथमिकता क्षेत्र घोषित किया गया है, जहां लौह और कोयला पर रॉयल्टी छूट जैसी विशेष प्रोत्साहन योजनाएं लागू होंगी।

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