नासा के पार्कर सोलर प्रोब ने सूर्य के सबसे करीब पहुंचकर रचा इतिहास

नासा के पार्कर सोलर प्रोब ने 26 दिसंबर, 2024 को सूर्य के सबसे करीब पहुंचने का ऐतिहासिक कारनामा कर दिखाया। 24 दिसंबर को, यह अंतरिक्ष यान सूर्य की सतह से मात्र 3.8 मिलियन मील की दूरी पर पहुंचा और 430,000 मील प्रति घंटे की अद्भुत गति से यात्रा की। यह किसी मानव निर्मित वस्तु द्वारा अब तक की सबसे तेज़ गति है। बाद में प्राप्त एक बीकन सिग्नल ने अंतरिक्ष यान की सुरक्षा और संचालन की पुष्टि की।

अंतरिक्ष अन्वेषण में ऐतिहासिक उपलब्धि

नासा के अनुसार, यह नज़दीकी मुठभेड़ ऐसी कई और पासों की शुरुआत है। 2018 में लॉन्च किए गए पार्कर सोलर प्रोब ने सात बार शुक्र ग्रह के फ्लाईबाई के माध्यम से अपनी कक्षा को परिष्कृत किया है। इसका नवीनतम फ्लाईबाई 6 नवंबर, 2024 को हुआ, जिसने इसे सूर्य के अत्यंत करीब पहुंचने के लिए अनुकूल स्थिति में ला दिया।

जॉन्स हॉपकिन्स एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी (APL) के मिशन सिस्टम इंजीनियर जॉन विर्जबर्गर ने कहा कि इस उपलब्धि के लिए दशकों की तकनीकी प्रगति की आवश्यकता थी। अंतरिक्ष यान के कार्बन फोम से बने सुरक्षात्मक कवच ने 1,800 डिग्री फ़ारेनहाइट तक के तापमान को सहन करते हुए इसके उपकरणों को सुरक्षित और स्थिर बनाए रखा।

सौर अन्वेषण में नई क्रांति

नासा के साइंस मिशन निदेशालय की एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर निक्की फॉक्स ने इस मिशन को पूरे सौरमंडल और उससे परे सूर्य के प्रभाव को समझने में अहम बताया। पार्कर सोलर प्रोब से प्राप्त डेटा सौर हवा के त्वरण और सूर्य के पास ऊर्जावान कण गतिविधियों को समझने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

पिछले शोध और भविष्य की योजनाएं

पार्कर सोलर प्रोब के पहले के निष्कर्षों ने सौर वातावरण की संरचना और सौर हवा के “स्विचबैक्स” के स्रोतों को पहचानने में मदद की है। आगामी डेटा ट्रांसमिशन इन प्रक्रियाओं को समझने में और गहराई से जानकारी प्रदान करेगा।

मिशन के अगले नज़दीकी सौर पास 22 मार्च और 19 जून, 2025 को निर्धारित हैं, और आने वाले महीनों में और भी अधिक वैज्ञानिक सफलताओं की उम्मीद की जा रही है।

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