छत्तीसगढ़ के शक्ति जिले में एक अनूठे अभियान ‘खाकी किड्स’ के जरिए पुलिस बच्चों को ट्रैफिक और साइबर अपराधों के प्रति जागरूक कर रही है। इस पहल का उद्देश्य बच्चों को ‘ट्रैफिक मित्र’ और ‘साइबर मित्र’ के रूप में प्रशिक्षित करना है, जो अपने परिवार और समुदाय में सुरक्षा के संदेश फैलाएंगे।
बच्चे बनेंगे समाज के परिवर्तनकारी एजेंट
शक्ति की पुलिस अधीक्षक अंकिता शर्मा ने बताया कि “बच्चे समाज के परिवर्तनकारी एजेंट होते हैं। स्कूल के छात्र ‘ट्रैफिक मित्र’ के रूप में अपनी भूमिका निभा रहे हैं और अपने समुदाय में किसी भी साइबर धोखाधड़ी की स्थिति में ‘पहले उत्तरदाता’ बनेंगे।”
सड़क दुर्घटनाओं और साइबर अपराधों में गिरावट
इस पहल के परिणामस्वरूप शक्ति जिले में सड़क दुर्घटनाओं, चोटों और मृत्युदर में कमी देखी गई है। बच्चों को ट्रैफिक नियमों और साइबर कानूनों के बारे में शिक्षित किया जा रहा है ताकि वे सुरक्षित ऑनलाइन और सड़क पर व्यवहार को बढ़ावा दे सकें।
बच्चों को मिल रही खास ट्रेनिंग
अभियान के तहत स्कूल के छात्रों को ‘साइबर मित्र’ और ‘ट्रैफिक मित्र’ बनने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ये बच्चे अपने परिवार और आसपास के लोगों को साइबर खतरों और ट्रैफिक सुरक्षा के प्रति जागरूक करेंगे।
समाज में जागरूकता का बढ़ता प्रभाव
‘खाकी किड्स’ अभियान ने बच्चों को समाज का एक जिम्मेदार हिस्सा बनाने की दिशा में एक नई मिसाल कायम की है।