सुप्रीम कोर्ट ने लिंग प्रचार और आंतरिक शिकायतों पर अपनी समिति को फिर से स्थापित किया। प्राधिकरण के आदेश के अनुसार, यह कार्रवाई भारत के सर्वोच्च न्यायालय की लैंगिक संवेदनशीलता और महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) विनियम, 2013 की धारा 4(2) और अन्य सक्षम प्रावधानों के तहत शक्तियों के तहत की गई थी। मुख्य न्यायाधीश हिमा कोहली की अध्यक्षता वाली समिति में 12 सदस्य हैं। उनमें न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना, अतिरिक्त रजिस्ट्रार सुखदा प्रीतम और वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा और महालक्ष्मी पावनी शामिल हैं। समिति में वकील सौम्यजीत पाणि, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रतिनिधि अनिंदिता पुजारी, वकील मधु चौहान, प्रोफेसर श्रुति पांडे, वरिष्ठ वकील जयदीप गुप्ता और मेनका गुरुस्वामी और यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो इंडिया सेंटर के कार्यकारी निदेशक लेनी चौधरी भी शामिल हैं।