निघासन कांड : 11 माह में आया फैसला, चार आरोपी युवक दोषी करार, 14 अगस्त को अदालत करेगी सजा का एलान

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के चर्चित निघासन कांड में करीब 11 महीने बाद फैसला आ गया। अनुसूचित जाति की दो नाबालिग बहनों से दुष्कर्म और उनकी हत्या करने के मामले में एडीजे कोर्ट ने शुक्रवार को चार आरोपियों को दोषी करार दिया। दोषसिद्ध चारों अभियुक्तों को 14 अगस्त को अदालत सजा सुनाएगी। 

विशेष लोक अभियोजक बृजेश पांडे ने बताया कि 14 सितंबर 2022 को निघासन थाना क्षेत्र में अपहरण के बाद दो नाबालिग बहनों से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई थी। उनके शव पेड़ पर लटका दिए गए थे। इस दोहरे हत्याकांड में एसआईटी ने जांच की थी। 

सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में छोटू उर्फ सुनील, जुनैद, आरिफ और करीमुद्दीनपुर समेत छह आरोपियों को जेल भेजा गया था। इनमें दो आरोपी नाबालिग थे। दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद अदालत ने छोटू उर्फ सुनील, आरिफ, करीमुद्दीन और जुनैद को दोषी पाया है।

एक नाबालिग आरोपी के खिलाफ जुवेनाइल कोर्ट में और दूसरे नाबालिग के खिलाफ विशेष POCSO कोर्ट में सुनवाई चल रही है और उस पर फैसला लंबित है। सजा के एलान के लिए 14 तारीख नियत की गई है। 

आपको याद दिला दे कि निघासन थाना इलाके के एक गांव में 14 सिंतबर 2022 को अनुसूचित जाति की दो सगी बहनों के शव पेड़ से लटके मिले। उनकी मां ने आरोप Samjh था कि उनके सामने ही एक पड़ोसी और तीन अन्य युवक दोनों बेटियों को अगवा कर ले गए थे। इसके बाद उनके साथ दुष्कर्म किया गया। वारदात को छिपाने के लिए दोनों की हत्या कर दी गई। इसके बाद शवों को पेड़ पर लटका दिया गया था। 

घटना से आक्रोशित परिजनों ने जमकर धरना प्रदर्शन किया। मामले ने तूल पकड़ा। इसके बाद छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। तीन डॉक्टरों के पैनल ने दोनों लड़कियों के शवों का पोस्टमॉर्टम किया था। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गैंगरेप की पुष्टि की गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक दोनों की हत्या गला घोंटकर की गई थी। इसके बाद शव लटकाए गए।