विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ की कमान सौंपी दीपक बैज को, मोहन मरकाम की लेंगे जगह

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से ठीक कुछ महीने पहले कांग्रेस ने संगठन में बड़ा फेरबदल कर दिया गया है। प्रदेश पार्टी की कमान अब बस्तर के आदिवासी नेता और सांसद दीपक बैज को सौंप दी गई है। उन्हें छत्तीसगढ़ कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाया गया है। वह विधायक मोहन मरकाम की जगह लेंगे। पार्टी नेतृत्व ने अब तक के कार्यों के लिए उनके योगदान की सराहना की है।

विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस की ये दूसरी बड़ी नियुक्ति है। इससे पहले पार्टी के सीनियर नेता और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव को राज्य का डिप्टी सीएम बनाया था।
बताया जा रहा है कि अप्रैल में हुई कांग्रेस की बैठक में ही सांसद दीपक बैज के नाम पर मुहर लग गई थी। उन्हें अचानक ही दिल्ली बुलाया गया था। उस समय से ही कयास लगाए जा रहे थे कि मोहन मरकाम की जगह उन्हें नई जिम्मेदारी दी जा सकती है। मोहन मरकाम आदिवासी समुदाय से आते हैं और दीपक बैज भी बस्तर के बड़े आदिवासी चेहरों में से एक हैं। सांसद बनने से पहले वे कई बार विधायक भी रह चुके हैं। 27 साल की उम्र में चुनाव जीतने के बाद वह छत्तीसगढ़ के सबसे युवा विधायक भी बने थे। 

छत्तीसगढ़ की राजनीति में कहते हैं कि प्रदेश की सत्ता का रास्ता बस्तर से होकर जाता है। जिसने बस्तर जीत लिया, उसने छत्तीसगढ़ जीत लिया। यहां पर विधानसभा की 12 सीटें हैं। अभी सभी सीटोे पर कांग्रेस का ही कब्जा है। ऐसे में मोहन मरकाम को अध्यक्ष पद से हटाकर पार्टी बस्तर से प्रतिनिधित्व छीनकर नुकसान नहीं करना चाहती थी। सियासी टकराव को देखते हुए इस नफा-नुकसान में सांसद दीपक बैज सही उम्मीदवार थे। साफ-सुथरी छवि वाले दीपक बैज का नाम कभी विवादों में नहीं रहा। सांसद को जिम्मेदारी से संगठन में विरोध के स्वर भी नहीं उठेंगे। 

छत्तीसगढ़  कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम का कार्यकाल पिछले साल ही खत्म हो गया था। इसके बाद से बदलाव की बातों ने जोर पकड़ा। मुख्यमंत्री दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिलने गए। इसके बाद उन्होंने संगठन में बदलाव को लेकर बयान दिया। फिर विधानसभा के बजट सत्र में मोहन मरकाम ने डीएम फंड का मामला उठाकर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इसकी गूंज दिल्ली में आलाकमान तक सुनाई दी। सीएम भूपेश बघेल तेजी से राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा चेहरा बन रहे है। माना जा रहा है कि आलाकमान उनको नाराज नहीं करना चाहता था।