छत्तीसगढ़ की मानव निर्मित जंगल सफारी, स्वच्छंद घूमते वन्य प्राणी कर रहे सैलानियों को आकर्षित, देश विदेश में बन रही पहचान

छत्तीसगढ़ में मानव निर्मित जंगल सफारी अब एशिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी के रुप में देश-विदेश में पहचान हासिल करने लगी है। अटल नगर नवा रायपुर स्थित यह जंगल सफारी छत्तीसगढ़ में आने वाले सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई है। रायपुर शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूरी पर स्थित यह जंगल सफारी देश के सबसे खुबसूरत जंगल सफारियों में से एक है। लगभग 320 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली है। सैलानियों के ठहरने और रिफरेशमेंट के लिए जंगल सफारी के आस-पास पर्यटन एवं वन विभाग द्वारा मोटल और रिसार्ट जैसी उच्च स्तरीय सुविधाएं विकसित की गई है।

रायुपर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ की विश्वविख्यात होती इस जंगल सफारी में राष्ट्रीय पशु रॉयल बंगाल टायगर की प्रजाति के लिए एक पृथक से जोन बनाया गया है। यहां प्राकृतिक आवास में बाघों को स्वछंद रूप से विचरण करते हुए देखा जा सकता है। बाघों के प्राकृतिक रहवास के लिए यहां 1945 वर्ग मीटर क्षेत्र में छायादार पौधे लगाए गए हैं। बाघों को देखने के लिए सैलानियों के लिए यहां दर्शक दीर्घा बनाई गई है। बाघों को प्राकृतिक आवास केन्द्रीय चिडिय़ा घर नई दिल्ली के नाम्र्स के अनुसार तैयार किया गया है। यहां शेरों के लिए 2550 वर्ग मीटर में रहवास बनाया गया है। शेरों के लिए गुफा का निर्माण किया गया है।
ये है आकर्षण के केंद्र
जंगल सफारी में टफन ग्लास के चैम्बर में तेंदूओं को देखा जा सकता है। यहां विश्व प्रसिद्ध सफेद शेर के लिए अलग से इन्क्लोजर बनाए गए हैं। हिमालयन भालू को झरने में नहाते हुए देखा जा सकता है। रंग-बिरंगी कछुए की प्रजाति भी बच्चों के लिए यहां आकर्षण का केन्द्र है। पानी में रहने वाले दरियाई घोड़े यहां बनाए गए तालाबों में विचरण करते हुए देखे जा सकते हैं। अपने तीखे दांतो के लिए पहचाने जाने वाला घडिय़ाल भी यहां देखा जा सकता है। इसके अलावा और भी बहुत कुछ देखने लायक जंगली जानवर हैं। यहां बंगाल की बड़ी लिर्जाड(गोह) उदबिलाव, मगरमच्छ सहित विभिन्न क्षेत्रों से आए पशु-पक्षी यहां आने वाले सैलानियों का मन मोह लेते हैं।
ऑनलाइन टिकिट की सुविधा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हाल में ही आयोजित कैबिनेट बैठक में वन मंत्री मोहम्मद अकबर के प्रस्ताव पर छत्तीसगढ़ के सैलानियों और स्कूली बच्चों के साथ-साथ देश भर के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए जंगल सफारी का प्रवेश शुल्क आधा करने का निर्णय लिया गया है। राज्य और देशभर के पर्यटकों की सुविधा के लिए ऑनलाईन टिकट की सुविधा भी प्रारंभ की गई है। पर्यटकों की सुविधा की दृष्टिकोण से सफारी एवं जू में आकर्षक प्रवेश द्वार के समीप ही टिकट काउंटर तथा पार्किंग स्थल बनाया गया है। इसमें लगभग 1000 वाहनों को एक साथ पार्क किया जा सकता है। साथ ही लैण्डस्केप के क्षेत्र में 12 पगोड़ा भी पर्यटकों के विश्राम के लिए स्थापित किया गया है।
ज्ञान वर्धन में सहायक बनेगा वनस्पतिक उद्यान
जंगल सफारी को और भी उपयोगी और ज्ञानवद्र्धक बनाने के लिए यहां वनस्पतिक उद्यान विकसित किया जा रहा है। इससे यहां जैव विविधता का संरक्षण होगा वहीं प्रकृति प्रेमियों और विज्ञान के विद्यार्थियों को ज्ञानवद्र्धक जानकारी मिलेगी। जंगल सफारी के इस अलौकिक तथा स्वच्छ एवं हरा-भरा आच्छादित क्षेत्र में लगभग 70 प्रजातियों के पेड़-पौधे, 12 विभिन्न प्रजातियों के वन्य प्राणी सहित 76 विभिन्न प्रजातियों के प्रवासी पक्षी जैव विविधता में अपना विशिष्ट स्थान रखते हैं।