लंपी वायरस की कवर्धा में एक बार फिर से दस्तक, एक मौत, पशु चिकित्सा विभाग सतर्क

कवर्धा (छत्तीसगढ़)। जिले में गौवंश मवेशियों में लंपी वायरस जैसे लक्षण फिर मिले हैं। जिले में एक हफ्ते के भीतर एक मवेशी की मौत हो चुकी है। वहीं 50 से अधिक मवेशियों में लक्षण मिले हैं। इस गंभीर बीमारी को लेकर जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है। शहरी क्षेत्र में कुल पशु संख्या 889 में से 670 पशुओं में टीकाकरण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। 10 बीमार पशुओं का उपचार किया गया है, साथ ही 657 पशुओं में जूं-किलनी नाशक व कृमि नाशक औषधियों का वितरण किया जा रहा है।

जिले के पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक डॉ. एसके मिश्रा ने बताया कि गौवंशीय जानवरों में संक्रामक बीमारी के लक्षण पाए गए है। जो लंपी वायरस से मिलता जुलता है। वायरस की सूचना राज्य कार्यालय को भी दी गई है। सैंपल लेकर जांच के लिए वायरोलॉजिकल लैब भोपाल को भेजी गई है। रिपोर्ट आने के बाद वायरस की सही जानकारी मिल पाएगी। पिछले साल इस वायरस का सबसे ज्यादा प्रकोप देश के राजस्थान, पंजाब समेत अन्य राज्यों में दिखाई दिए थे। 

मवेशियों के टीकाकरण में जुटा पशु चिकित्सा विभाग

क्या है लंपी वायरस 
लंपी स्किन डिसीज गौ-वंशीय और भैंस-वंशीय पशुओं में होने वाला एक विषाणु जनित संक्रामक रोग है, जो मच्छरों, मक्खियों तथा किलनियों के काटने से फैलता है। इस रोग में बुखार के साथ पशुओं के पूरे शरीर पर छोटी-छोटी गुठलियां बन जाती है, जो बाद में घाव में बदल जाती है। इस रोग में गोल-गोल दाने त्वचा के अतिरिक्त मुंह, ग्रसनी, श्वसन तंत्र इत्यादि में भी पाए जा सकते हैं। रोग से संक्रमित पशुओं में बढ़े हुए लसिका ग्रन्थी, पैरों तथा पेट कें निचले हिस्से में पानी वाला सूजन, दूध उत्पादन में कमी, गर्भपात, बांझपन जैसे लक्षण तथा कभी-कभी पशुओं की मृत्यु भी हो सकती है।