चंडीगढ़ । पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला दिया है। याचिकाकर्ता (पति) यदि शारीरिक रूप से सक्षम है, तो उसे अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता देना ही होगा। हाईकोर्ट ने यह भी कहा यदि कोई व्यक्ति भिखारी भी होगा, और वह शारीरिक रूप से सक्षम है। ऐसी स्थिति में यदि वह रोजाना मजदूरी भी करेगा,तो उसे 500 रूपये प्रतिदिन मजदूरी मिलती है। ऐसी स्थिति में उसे अपनी पत्नी का गुजारा भत्ता देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होगा। हाईकोर्ट ने पत्नी को 15000 रूपये प्रति माह भरण-पोषण राशि देने और 11000 रूपये मुकदमा खर्च देने का आदेश दिया है।उल्लेखनीय है,कि तलाक के एक मामले में पति ने अपनी आर्थिक हालत को बयां करते हुए गुजारा भत्ता देने से इनकार किया था। न्यायमूर्ति एचएस मदान ने अपने फैसले में कहा है, पति यदि भिखारी भी है, इसके बाद भी पत्नी के भरण पोषण करने की जिम्मेदारी पति की है। फैमिली कोर्ट के आदेश के विरुद्ध पति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसे पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है।