नई दिल्ली। जोशीमठ में भूधंसाव के कारण पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हो चुके दो होटलों मलारी इन और माउंट व्यू को सुरक्षित तरीके से ध्वस्त करने की कार्रवाई आज से शुरू कर दी गई है।एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई है। प्रशासन द्वारा अनाउंसमेंट कर आसपास के लोगों को हटाया जा रहा है। लोगों से गिराए जाने वाले भवनों से दूर रहने की अपील की जा रही है।
केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआइ), नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरआफ) और लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) की टीम को तकनीकी रूप से ध्वस्तीकरण की जिम्मेदारी दी गई है।
मलारी इन होटल के मालिक ठाकुर सिंह राणा ने एएनआइ समाचार एजेंसी से कहा है कि अगर होटल जनहित में गिराया जा रहा है तो मैं सरकार और प्रशासन के साथ हूं। भले ही मेरे होटल में आंशिक दरारें ही क्यों न हों। लेकिन मुझे नोटिस दिया जाना चाहिए था और मूल्यांकन किया जाना चाहिए था। मैं मूल्यांकन के लिए आग्रह करता हूं।सोमवार शाम सीबीआरआइ के विज्ञानी ने प्रशासन के साथ दोनों होटलों का मौका-मुआयना किया। मंगलवार को टीम के सभी सदस्यों के पहुंचने के बाद ध्वस्तीकरण को लेकर रणनीति बनाई गई।
जोशीमठ के सिंहधार वार्ड में स्थित होटल मलारी इन और माउंट व्यू में वैसे तो दिसंबर माह से ही दरारें पड़ने लगी थी। दिसंबर के अंत में प्रशासन ने होटल को बंद करने के आदेश दे दिए थे।इसके बाद बीती तीन जनवरी को दोनों होटलों के भवन एक-दूसरे के ऊपर झुक गए। इसके बाद प्रशासन ने दोनों होटलों में पूर्ण रूप से प्रवेश प्रतिबंधित करते हुए उसके बाहर एसडीआरएफ की तैनाती कर दी। अब मंगलवार को दोनों होटलों का विशेषज्ञों की निगरानी में ध्वस्तीकरण किया जा रहा है।
पांच मंजिला होटल मलारी इन में 24 और छह मंजिला होटल माउंट व्यू में 30 के करीब कमरे हैं। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि होटलों के ध्वस्तीकरण को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।सीबीआरआइ के विज्ञानी के साथ होटलों का निरीक्षण भी कर लिया गया है। साथ ही मजदूरों के साथ मशीनों की भी पूरी व्यवस्था दुरुस्त है। मंगलवार को टीम के सभी सदस्यों के पहुंचने के बाद सुरक्षित तरीके से ध्वस्तीकरण को लेकर रणनीति बनाई गई।
सोमवार को उत्तरकाशी से चार प्रशिक्षकों की टीम जोशीमठ के लिए रवाना कर दी गई। निम की टीम को होटलों के ध्वस्तीकरण का काम करने वाले मजदूरों को सुरक्षा की जानकारी देने के साथ ही सुरक्षा उपकरण देने का जिम्मा सौंपा गया है। मंगलवार को उन्होंने मौके पर जाकर निरीक्षण किया, जिसके बाद रणनीति बनाई गई।जोशीमठ में भू-धंसाव के कारण प्रभावित हुए लोग को सरकार के स्तर से सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित किया जा रहा है।