मां की ममता : बीमारी से जूझ रहे पुत्र को किडनी डोनेट करने की मंशा लेकर कलेक्टर जनदर्शन में पहुंची महिला

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। बीमार पुत्र की परेशानी को देख कर एक मां की ममता जागृत होने का मामला सामने आया है। ममतामयी मां ने अपने पुत्र की बेहतरी के लिए अपनी किडनी उसे दान करने का मन बनाया है। इस मंशा को लेकर महिला आज कलेक्टर जनदर्शन में पहुंची और आर्थिक मदद की फरियाद की। बताया जा रहा है कि पुत्र का इलाज वर्ष 2020 से जारी है। डॉक्टरों के अनुसार पुत्र की किडनी फेल हो गई है और ट्रांसप्लांट से ही उसका इलाज संभव है। आज जनदर्शन में 86 आवेदन प्राप्त हुए।

महिला ने बताया कि वह इंदिरा नगर की निवासी है और उनके पति का देहांत हो चुका है। पुत्र का ईलाज स्पर्श हॉस्पिटल सुपेला, रामकृष्ण हॉस्पिटल रायपुर और मित्तल हॉस्पिटल नेहरू नगर भिलाई जैसे संस्थानों में सतत् रूप से करा रही हैं। आर्थिक रूप से सक्षम् न होते हुए भी रिश्तेदारों से मदद लेकर 02 वर्ष से पुत्र का डायलिसिस करा रही है। आज पुत्र की जिंदगी बचाने के लिए किडनी ट्रांसप्लांट कराने की आवश्यकता है, डोनर के रूप में मॉ स्वयं तैयार है। लेकिन आर्थिक स्थिति मॉ और पुत्र के रिश्ते के बीच का रोड़ा बन रही है। मदद के लिए उसकी निगाहें शासन और प्रशासन पर टिकी हुई हैं।

अपने पुत्र के संपूर्ण दस्तावेजों के साथ वो जनदर्शन पहुंची थी। कलेक्टर ने वस्तु स्थिति का संज्ञान लिया और मॉ को यथा संभव मदद पहुंचाने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने त्वरित रूप से मुख्य चिकित्सा अधिकारी को आवेदन प्रेषित किया और शासन द्वारा चल रही योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य योजना से आवेदक को लाभ मिल सके इसके लिए संबंधित अधिकारी को आवेदक को त्वरित मदद के लिए निर्देशित किया।

जनदर्शन में इसके अलावा लोन को लेकर धोखाधड़ी का मामला पहुंचा था। जिसमें आवेदक द्वारा लाखों की धोखाधड़ी की शिकायत की गई थी। आवेदक किसान का कथन था कि जिला बेमेतरा में काम करने वाले एजेंट द्वारा 12 लाख गबन किया गया है। आवेदक ग्राम ढेकापुर खम्हरिया का रहने वाला है। एजेंट किसानों को लोन दिलाने का कार्य करता था। जिसके प्रलोभन में आकर किसान ने भी उसके द्वारा देना बैंक बेरला से 2017 में 24 लाख का लोन लिया। जिसके 12 लाख रूपए की राशि चेक के माध्यम से प्राप्त हुई। परंतु शेष राशि का चेक प्राप्त नहीं हुआ एजेंट से संपर्क करने पर उसने चेक बाद में देने की बात कही।

आरोप है कि एजेंट ने फर्जी हस्ताक्षर कर चेक के 12 लाख रूपए निकाल दिए। आज आवेदक के नाम से 30 लाख रूपए का नोटिस तामिल किया जा रहा है। आवेदक इस धोखाधड़ी की वजह से आर्थिक और मानसिक दोनों रूप से परेशान है आवेदक का कथन है कि उसके अलावा उसके जैसे कई किसान एजेंट के द्वारा ठगे गए हैं इसलिए आवेदक का निवेदन है कि उसे धोखाधड़ी में न्याय दिलाया जाए और किसानों को भी इस प्रकार के धोखाधड़ी से बचाया जाए। कलेक्टर ने आवेदन एस.पी. डॉ. अभिषेक पल्लव को प्रेषित किया।

प्लास्टिक कचरे की समस्या को लेकर आज एक सामाजिक सेवा संस्था जनदर्शन पहुंची थी। जिसमें प्लास्टिक कचरे से होने वाले प्रदुषण को रोकने के लिए अपना आवेदन लगाया था। उन्होंने अपने आवेदन में शराब भट्ठी, गार्डन, पर्यटन स्थल, तालाब, मैदान व अन्य स्थलों को चिन्हित किया था। जहां प्लास्टिक के कचरे का भंडारण होता है। जिसमें नगर के आसमाजिक तत्वों का भी विशेष योगदान रहता है। आवेदक का प्लास्टिक कचरे को लेकर कथन था कि इससे विशेष रूप से पशुधन को हानि पहुंच रही है। पशुधन प्लास्टिक को खाकर मर रहे हैं।

इसके अलावा प्लास्टिक के कचरे का प्रबंधन सही तरीके से नहीं हो पाने के कारण सिवरेज व नालियों में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। आवेदक ने आवेदन में इसके निपटारन के लिए सुझाव भी अंकित किए थे जिसमें उसने प्लास्टिक के कचरे को सड़क निर्माण में उपयोग में लाने का सुझाव दिया। कलेक्टर ने आवेदन को संबंधित अधिकारी को प्रेषित किया और मानक प्लास्टिक के उपयोग को और बढ़ावा दिया जाए इसके लिए प्रचार-प्रसार व समय-समय पर निगम अमले द्वारा कार्रवाई के लिए भी निर्देशित किया।