दुर्ग (छत्तीसगढ़)। केंद्रीय जेल में निरूद्ध सजायाफ्ता कैदी द्वारा अपना गला काट लिए जाने की घटना से जेल प्रशासन में हडकंप मच गया। घायल कैदी को आनन-फानन में जिला अस्पताल में दाखिल कराया गया। जहां उसकी स्थिति सामान्य बताई जा रही है। कैदी समयावधि बीत जाने के बाद भी दुर्ग जेल से उसे स्थानांतरित नहीं किए जाने से नाराज था।
जानकारी के अनुसार उडीसा के बुरला (संबलपुर) निवासी राजेश थापा (46 वर्ष) दुर्ग केंद्रीय जेल में सजा काट रहा है। उसे डकैती के मामले में दुर्ग न्यायालय द्वारा वर्ष 2016 में डकैती के आरोप में 10 वर्ष के कारावास से दंडित किया गया है । अभियुक्त राजेश ने भिलाई-3 थाना क्षेत्र अंतर्गत अपने दो साथियों के साथ मिलकर डकैती की घटना को अंजाम दिया था। जेल नियमों के अनुसार सजायाफ्ता कैदियों को एक निर्धारित अवधि के बाद एक जेल से दूसरी जेल स्थानांतरित किए जाने का प्रावधान है। बताया जा रहा है कि दुर्ग जेल में राजेश को निरूद्ध रखे जाने की अवधि समाप्त हो गई है। जिसको लेकर सजायाफ्ता कैदी राजेश ने आज गुरुवार को एक बार फिर से जेल अधिकारियों से उसे उडीसा की जेल में स्थानांतरित किए जाने की मांग की। जिस पर अधिकारी ने उसे शासन से निर्देश मिलने के बाद स्थानांतरित किए जाने की समझाइश दी। इस समझाइश से बंदी नाराज हो गया और अपने बैरक में जाकर गले पर ब्लेड चला लिया। जिससे वह जख्मी हो गया। कैदी की इस हरकत की जानकारी मिलने पर जेल प्रशासन में हडकंप मच गया और घायल को जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां उपचार के पश्चात उसकी स्थिति सामान्य बताई जा रही है।
जिला अस्पताल में दाखिल बंदी ने 4thNation टीम को बताया कि वह लंबे समय से उसे उडीसा जेल स्थानांतरित किए जाने की मांग की जा रही थी, लेकिन जेल प्रशासन इस मांग को गंभीरता से नहीं ले रहा था। जिसको लेकर उसने यह कदम उठाया। उसने बताया कि उसकी सजा 31 अक्टूबर 2027 को पूरी होगी। वहीं सूत्रों के अनुसार अभियुक्त राजेश थापा आदतन डकैत हैं। उसके खिलाफ उडीसा न्यायालय में भी डकैती का मामला विचाराधीन है।