दुर्ग (छत्तीसगढ़)। आया के साथ टाटा मैजिक पर सवार होकर स्कूल जा रहे मासूम के अपहरण के मामले में अदालत का फैसला आज आ गया है। फैसला आने के बाद शहर के इस बहुचर्चित मामले में पुलिस द्वारा प्रकरण की लचर विवेचना किए जाने का भी खुलासा हुआ है। लचर विवेचना का लाभ अभियुक्तों को मिला और मासूम का अपहरण षड्यंत्र रच कर फिरौती के उद्देश्य से किया जाना अदालत के समक्ष साबित नहीं हो सका। जिसके चलते अभियुक्तों को महज दो वर्ष के कारावास से दंडित किया जा सका। वहीं प्रकरण के पांच में से एक अभियुक्त को दोष मुक्त करार दिया गया। यह फैसला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. प्रज्ञा पचौरी की अदालत में सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक छन्नूलाल साहू ने पैरवी की थी।
घटना पद्मनाभपुर पुलिस चौकी क्षेत्र अंतर्गत धनोरा-बोरसी मार्ग पर कदम प्लाजा के पास 20 अगस्त 2019 की सवेरे लगभग साढ़े आठ बजे घटित हुई थी। धनोरा निवासी कृषक चंद्रशेखर साहू उर्फ बबलू का चार वर्षीय पुत्र मौलिक बोरसी स्थित रायल किड्स स्कूल जा रहा था। मौलिक केजी-1 का छात्र था। घटना दिन को वह टाटा मैजिक क्र. सीजी 07-8389 पर सवार होकर स्कूल की आया दिव्या खुटेल के साथ स्कूल जा रहा था। इसी दौरान रास्ते में अपाचे मोटर साइकिल सवार तीन युवकों ने आटो को रुकवाया और चालक कमलेश साहू से हमारे कुत्ते को एक्सिडेंट किए हो कह कर बहस करने लगे। इसी दौरान दो युवको ने मौलिक को जबरिया आटो से उठा लिया और मोटर साइकिल पर बैठ कर चंपत हो गए। इस घटना की जानकारी आया दिव्या खुटेल द्वारा स्कूल प्रबंधन को दी गई। जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई गई।
24 घंटे में गिरफ्त में आए थे आरोपी
स्कूली बच्चे के अपहरण की इस वारदात को पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए आरोपियों की तलाश प्रारंभ कर दी थी। पुलिस पड़ताल और तगड़ी नाकेबंदी से घबराए आरोपियों ने बच्चे को राजनांदगांव जिले के सोमनी थाना के पास लावारिस छोड़ दिया था। जिसे पुलिस ने देर रात बरामद कर उसके परिजनों के हवाले किया था। इस प्रकार से अपहृत बच्चे को 24 घंटे के भीतर ही बरामद कर लिया गया था। वहीं घटना में सहयोग देने वाली एक महिला सहित पांच आरोपियों को भी पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया था। लेकिन पुलिस विभाग की इस तत्परता का लाभ अदालत में विचारण के दौरान विवेचना में बरती गई लापरवाही के कारण नहीं मिल सका।
अपराधिक षड्यंत्र रच अपहरण का था आरोप
पद्मनाभपुर पुलिस ने इस मामले में राजू उर्फ राजकुमार साहू (31 वर्ष) धनोरा, रूकेन्द्र उर्फ रुपेंन्द्र सिंहा (34 वर्ष) और उसकी पत्नी बबिता सिंहा (31 वर्ष) मगरलोटा सोमनी तथा हेमू साहू (31 वर्ष) धनोरा, कुंदन साहू (19 वर्ष) धनोरा के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचकर फिरौती के उद्देश्य से अपहरण की घटना को अंजाम देने के आरोप में अपराध पंजीबद्ध किया गया था। विवेचना पश्चात दफा 120(बी), 363, 364, 364(क), 365 के तहत प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था। वहीं आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। सभी आरोपी गिरफ्तारी के बाद से फैसला सुनाए जाने तक जेल में ही निरुद्ध है।
एक आरोपी दोषमुक्त, चार को मामूली सजा
प्रकरण पर विचारण न्यायाधीश डॉ प्रज्ञा पचौरी की अदालत में विचारण किया गया। प्रकरण पर विचारण के पश्चात साक्ष्य विवेचना और निष्कर्षों के आधार पर आरोपी कुंदन साहू को संदेह का लाभ देते सभी आरोपों से दोषमुक्त करार दिया गया। वहीं अन्य आरोपी राज उर्फ राजकुमार साहू, रूकेन्द्र उर्फ रुपेंन्द्र सिन्हा, बबिता सिन्हा तथा हेमू साहू को दफा 120(बी), 364, 364 (क) के आरोपों से संदेह का लाभ देतें हुए दोष मुक्त करार दिया गया। इन चार अभियुक्तों पर महज सामान्य आशय से बच्चे का अपहरण किए जाने का अपराध सिद्ध हो सका। चारों आरोपियों को दफा 363 व 365 के तहत दोषी करार देते हुए दो-दो वर्ष के कठोर कारावास तथा दो-दो हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है।