दुर्ग (छत्तीसगढ़)। गंजपारा निवासी कारोबारी आनंद राठी द्वारा 29 जुलाई को की गई आत्महत्या मामले में नया मोड़ आया है। आनंद राठी के परिजनों ने उसके द्वारा आत्महत्या किए जाने के लिए युवती व युवकों के साथ हुए विवाद को जिम्मेदार ठहराया है। इस मामले को लेकर उन्होंने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
आनंद राठी (38 वर्ष) के चाचा अशोक राठी ने बताया कि 28 और 29 जुलाई की रात्रि आनंद के 3 मित्र भोजन के लिए घर आए हुए थे। भोजन के पश्चात एक मित्र को उनके निवास पर छोड़ने आनंद मालवीय नगर गया। वहां से करीब 2:30 बजे वापस आकर अपना मोबाइल देखते हुए गंजपारा में अपने निवास के पास सड़क किनारे खड़ा था। तभी पुलगांव नाले की ओर से एक दुपहिया वाहन जिसमें दो युवक एक महिला सवार थी तेजी से लहराते हुए आते दिखे। जिन्हें आनंद ने हाथ के इशारे से सही तरीके से गाड़ी चलाने के लिए कहा। तब यह लोग जो पहले से ही आनंद को सड़क पर देखकर गाली देते हुए आ रहे थे। कुछ दूर आगे बढ़ कर रुक गए और दोनों लड़के एक के बाद एक आनंद की ओर गालियां बकते हुए आने लगे तथा युवती भी दो पहिया वाहन चलाते हुए आने लगी। यह देख कर आनंद गेट के अंदर चला गया और चौकीदार को गेट बंद कर ताला लगाने के लिए कहा। क्योंकि वह लोग अत्यधिक नशे में थे और गालियां बक रहे थे। आनंद के घर के भीतर जाने के पश्चात वे लोग मकान के गेट पर आकर जोर-जोर से गालियां देने लगे कुछ देर पश्चात उनमें से एक युवक घर पर पत्थर फेंकने लगा। आनंद ऊपर दूसरी मंजिल से उन तीनों की फोटो लेने लगा। जिससे वे और भी उत्तेजित हो गए और पत्थर मारने लगे। फिर उन्होंने बोर्ड पर लिखे नंबर पर फोन करने लगे और फोन उठाने पर गाली गलौज करने लगे।
पुलिस भी पहुंची थी मौके पर
इस घटनाक्रम के बाद मौके पर 3 लड़के एक लड़की के साथ तीन पुलिसवाले भी पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि युवती ने थाने में शिकायत की है। उसने कपड़े फाड़ने और छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है। जिसकी पड़ताल करे उन लोग आए है। पुलिस के आने के बाद आनंद अपनी पत्नी तथा भाई के साथ नीचे आया तो वह महिला पुलिस की उपस्थिति में गंदी गंदी गालियां देते हुए आनंद पर हमले की कोशिश करने लगी थी। जिसे पुलिस वालों ने रोका। यह सब घटनाक्रम से आनंद के दिलों दिमाग पर गहरा असर पड़ा और वह आत्महत्या जैसे कदम उठाने के लिए मजबूर हो गया। जबकि कथित महिला और उन युवकों से उनका ना कोई मेल मुलाकात था और ना ही उन्हें जानता था। परिवार के समक्ष इस तरह की स्थिति उत्पन्न होने के कारण ही उन्होंने आत्मघाती कदम उठाया।
सुसाइडल नोट पर उठाए सवाल
चाचा अशोक राठी का कहना है कि सुसाइडल नोट में जिस तरह की बात लिखी है वह अपने परिजनों से माफी मांगने जैसी है। वास्तविकता यह है कि कथित लोगों के दुर्व्यवहार गाली-गलौज और आरोप लगाए जाने से वह दुखी हो गया था। घर के बाहर सीसीटीवी फुटेज और आनंद द्वारा कथित लोगों के फोटो खींच जाने से मामला उनके खिलाफ जा सकता है। इसलिए कथित लोगों ने थाने में जाकर फर्जी शिकायत की।