कीव: शांति वार्ता से ठीक पहले यूक्रेन ने रूस के खिलाफ एक ऐसा गुप्त ऑपरेशन अंजाम दिया जिसे राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने “इतिहास में दर्ज होने वाला” बताया है। इस ऑपरेशन कोडनेम “स्पाइडर वेब” के तहत सस्ते ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए रूस की सैन्य हवाई ताकत को भारी नुकसान पहुंचाया गया।
सिर्फ 1,200 डॉलर की लागत वाले 117 ड्रोन से लैस सेमी-ट्रेलर ट्रक रूस की सीमा में भेजे गए, जिनके ड्राइवरों को खुद नहीं पता था कि वे क्या लेकर जा रहे हैं। ट्रकों में लकड़ी के कंटेनरों में छुपाए गए ये ड्रोन, एक रिमोट मैकेनिज्म से छत खुलते ही उड़ान भरते और सीधे रूसी एयरबेस पर हमला करते।
इस ऑपरेशन के दौरान कुछ ही घंटों में रूस के 40 से अधिक लड़ाकू विमानों को भारी नुकसान पहुंचा या नष्ट कर दिया गया। यूक्रेनी सुरक्षा सेवा (SBU) के अनुसार, यह हमला रूस को करीब $7 बिलियन का पड़ा।
सबसे उल्लेखनीय हमला साइबेरिया के इरकुत्स्क क्षेत्र स्थित बेलाया एयरबेस पर हुआ, जो यूक्रेनी सीमा से 4,000 किलोमीटर दूर है। यह दूरी यूक्रेन के पारंपरिक ड्रोन या बैलिस्टिक मिसाइलों की पहुंच से बाहर है, जिससे यह ऑपरेशन और भी असाधारण बन गया।
ज़ेलेंस्की ने बताया कि ऑपरेशन डेढ़ साल से अधिक समय से योजना में था और इसे एक ऐसे कार्यालय से संचालित किया गया जो रूस की खुफिया एजेंसी FSB के दफ्तर के पास ही था। ड्रोन को पहले गुप्त तरीके से रूस में पहुंचाया गया और वहां से ट्रकों के माध्यम से सैन्य हवाई अड्डों के पास लाया गया। ऑपरेशन में शामिल सभी एजेंटों को मिशन से ठीक पहले रूस से निकाल लिया गया।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने टेलीग्राम पर हमलों की पुष्टि करते हुए कहा कि पांच क्षेत्रों पर ड्रोन हमले हुए, जिनमें से दो – मुरमान्स्क और इरकुत्स्क – में हमले सफल रहे और कुछ विमानों में आग लग गई।
यूक्रेन के दावे के अनुसार, रूस ने अपने 34% क्रूज़ मिसाइल कैरियर खो दिए हैं। हमले में A-50 एयरबोर्न रडार विमान, Tu-95 और Tu-22M जैसे लंबी दूरी के बमवर्षक शामिल थे।
यह हमला उस दिन हुआ जिस दिन रूस ने यूक्रेन पर 472 ड्रोन दागे – अब तक का सबसे बड़ा एकदिनी ड्रोन हमला।
इस ऑपरेशन से रूस की मिसाइल हमला क्षमता में बड़ी गिरावट आ सकती है, खासकर क्योंकि इरकुत्स्क एयरबेस से Tu-22M जैसे बमवर्षक यूक्रेन पर मिसाइल हमलों के लिए उड़ान भरते थे।
