देहरादून, 6 अगस्त 2025:
उत्तराखंड के धराली गांव में मंगलवार देर रात आई भयंकर बारिश और मलबे की नदी ने तबाही मचा दी। घटना में कम से कम 4 लोगों की मौत हो गई है जबकि 100 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। आपदा का संभावित कारण “क्लाउडबर्स्ट” (Cloudburst) को माना जा रहा है।
🌧️ क्या है क्लाउडबर्स्ट?
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, क्लाउडबर्स्ट वह स्थिति होती है जब 30 वर्ग किलोमीटर से कम क्षेत्रफल में एक घंटे में 100 मिमी या उससे अधिक वर्षा हो जाती है। यह घटना अधिकतर पहाड़ी क्षेत्रों में और खासतौर पर मानसून के दौरान देखने को मिलती है।
🧭 कैसे होता है क्लाउडबर्स्ट?
भारतीय मौसम वैज्ञानिक रुचित कुलकर्णी, जो यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न में चरम वर्षा पर शोध कर रहे हैं, बताते हैं कि हिमालय की तलहटी में यह घटना आम होती जा रही है।
जब अरब सागर से नमी भरी हवाएं आती हैं और उन्हें पहाड़ों द्वारा ऊपर की ओर उठाया जाता है, तो यह प्रक्रिया ओरोग्राफिक लिफ्ट कहलाती है। इससे टॉवर जैसे क्यूम्यलो निम्बस बादल बनते हैं, जो भारी मात्रा में जलवाष्प धारण कर लेते हैं।
“जब ये बादल बहुत बड़े और भारी हो जाते हैं, तो अचानक फटते हैं और तेज़ बारिश के रूप में सारा पानी एक ही जगह गिरता है। यही क्लाउडबर्स्ट है,” – कुलकर्णी।
🧊 ग्लेशियर या ग्लेशियर झील का फटना भी कारण
विशेषज्ञों ने यह भी चेताया है कि इस तरह की बाढ़ की एक और बड़ी वजह ग्लेशियर या ग्लेशियर झील का फटना भी हो सकता है, जिससे एकाएक पानी और मलबा नीचे की ओर बह निकलता है।
🕯️ 2013 के केदारनाथ हादसे की पुनरावृत्ति?
2013 के केदारनाथ आपदा में भी क्लाउडबर्स्ट को जिम्मेदार ठहराया गया था, जिसमें 6,000 से अधिक लोगों की जान गई थी।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, उस दौरान हुई भारी वर्षा का अर्धांश से अधिक हिस्सा जलवायु परिवर्तन और ग्रीनहाउस गैसों व एरोसोल कणों की वृद्धि से जुड़ा था।
🗣️ मुख्यमंत्री का बयान
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर दुख जताया है और कहा कि
“धराली क्षेत्र में क्लाउडबर्स्ट की पुष्टि हुई है। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन क्षेत्र में सक्रिय हैं।”
