प्रेमचंद जयंती पर 180 बच्चों ने ‘ईदगाह’, ‘बूढ़ी काकी’ और ‘पंच परमेश्वर’ को चित्रों में रचा

रायपुर, 2 अगस्त 2025:
मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर रायपुर में एक अनोखा आयोजन हुआ, जिसमें 11 स्कूलों के 180 बच्चों ने प्रेमचंद की कालजयी कहानियों ‘ईदगाह’, ‘बूढ़ी काकी’ और ‘पंच परमेश्वर’ को कैनवास पर चित्रित किया। यह कार्यक्रम जन संस्कृति मंच रायपुर और शिवम् एजुकेशन एकेडमी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का संचालन जसम के राष्ट्रीय सचिव राजकुमार सोनी ने किया।

कार्यक्रम में एक्टिव किड्स एकेडमी, डीपीएस, मदर्स प्राइड, शारदा स्कूल, शिवांश इंटरनेशनल, छत्रपति शिवाजी स्कूल, कैनवास स्टूडियो, महाराणा प्रताप स्कूल, लायंस क्लब विद्या मंदिर, और शिवम एजुकेशन एकेडमी की विभिन्न शाखाओं के बच्चों ने भाग लिया।

सभी बच्चों को आयोजकों की ओर से सहभागिता प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए।

साहित्य से जुड़ना ज़रूरी – वक्ताओं के विचार
प्रसिद्ध आलोचक सियाराम शर्मा ने कहा, “प्रेमचंद की हर रचना में करुणा और न्याय का भाव है, जो एक मनुष्य को बेहतर बनाती है।”
लेखिका जया जादवानी ने इसे एक ज़रूरी पहल बताया और कहा कि प्रेमचंद आज भी सबसे अधिक पढ़े जाते हैं क्योंकि वे मानवीय मूल्यों के लेखक हैं।

युवा लेखिका डॉ. संजू पूनम ने प्रेमचंद को भारतीय ग्रामीण यथार्थ का सच्चा चित्रकार बताया।
पत्रकार समीर दीवान ने बच्चों को सोशल मीडिया के कचरे से दूर रहकर अच्छी किताबें पढ़ने की प्रेरणा दी।

शिवम् एजुकेशन एकेडमी की निदेशिका सुहानी शर्मा ने कहा, “हिंदी और उर्दू को कोई अलग नहीं कर सकता, प्रेमचंद ने हमें यही सिखाया है।” उन्होंने बुजुर्गों की भूमिका और बच्चों के साथ उनके संबंधों को भी रेखांकित किया।
संरक्षिका नीलिमा मिश्रा ने कहा कि प्रेमचंद हर युग में प्रासंगिक हैं क्योंकि उनका साहित्य सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है।

बच्चों की भागीदारी सबसे खास
कार्यक्रम में कुछ बच्चों ने उपस्थित श्रोताओं को बताया कि उन्हें प्रेमचंद की कौन-सी कहानी और क्यों अच्छी लगी। बच्चों ने चित्र बनाते समय प्रेमचंद का रेखांकन भी किया। इस अवसर पर चित्रकार सर्वज्ञ नायर ने प्रेमचंद का एक सुंदर चित्र बनाया और उसे कार्यक्रम को भेंट किया।

कार्यक्रम में लेखिका रूपेंद्र तिवारी, सनियारा खान, गायिका वर्षा बोपचे, डॉ. रामेश्वरी दास, जसम रायपुर के सचिव इंद्रकुमार राठौर, शायर अलीम नकवी सहित बच्चों के अभिभावक भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।