नई दिल्ली/कनाडा, 16 जून 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तीन देशों की यात्रा के दूसरे चरण में आज कनाडा पहुंचे हैं। इससे पहले वे साइप्रस के दौरे पर थे। यह पीएम मोदी की ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली विदेशी यात्रा है। इस ऑपरेशन में भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे, जिसमें 26 लोग, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, मारे गए थे।
G7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी 16-17 जून को कनाडा के कनानास्किस में आयोजित हो रहे G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह उनकी लगातार छठी G7 शिखर सम्मेलन में भागीदारी है। यह दौरा कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर हो रहा है, जो हाल ही में जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद पदभार संभाल चुके हैं।

सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पीएम मोदी सम्मेलन में ऊर्जा सुरक्षा, तकनीक और नवाचार, AI और ऊर्जा संबंध, और क्वांटम तकनीक जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। साथ ही, वैश्विक दक्षिण (Global South) के मुद्दों पर भी विचार-विमर्श होगा।
प्रधानमंत्री मोदी का बयान
कनाडा रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने कहा,
“साइप्रस के बाद मैं कनानास्किस, कनाडा जाऊंगा, जहां G7 शिखर सम्मेलन में भाग लूंगा। यह सम्मेलन वैश्विक मुद्दों और Global South की प्राथमिकताओं पर विचार साझा करने का एक मंच प्रदान करेगा। मैं भागीदार देशों के नेताओं से संवाद को लेकर उत्साहित हूं।“
द्विपक्षीय बैठकें भी होंगी
G7 सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। दोनों देशों के शीर्ष अधिकारी इस बैठक में शामिल होंगे। इस दौरान नई खुफिया साझेदारी, सुरक्षा मुद्दों पर सहयोग, और भारत-कनाडा संबंधों में आई हालिया खटास को दूर करने पर बातचीत होगी।
MEA (विदेश मंत्रालय) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी को प्रधानमंत्री कार्नी का फोन आया था, जिसमें उन्होंने G7 सम्मेलन में भाग लेने के लिए औपचारिक निमंत्रण दिया और दोनों नेताओं ने भारत-कनाडा संबंधों को और बेहतर बनाने पर चर्चा की।
G7 क्या है?
G7 (Group of Seven) विश्व की सात प्रमुख विकसित अर्थव्यवस्थाओं का समूह है — कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम, साथ ही यूरोपीय संघ इसका हिस्सा है।
निष्कर्ष
पीएम मोदी की यह यात्रा भारत की वैश्विक कूटनीति को मजबूती देने के साथ-साथ तकनीक, सुरक्षा और ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत की भागीदारी G7 जैसे मंचों पर उसकी वैश्विक स्थिति को और अधिक प्रभावशाली बनाती है।
