छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था में युक्तियुक्तकरण विवाद तेज, कांग्रेस ने सरकार पर किया हमला

रायपुर, 7 जून 2025 – छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था में चल रहे ‘युक्तियुक्तकरण’ (Rationalization) को लेकर सियासी गर्माहट बढ़ती जा रही है। राज्य सरकार ने 10,463 स्कूलों को मर्ज करते हुए लगभग 45,000 शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण करने की योजना बनाई है, जिससे शिक्षकों और विपक्ष दोनों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

सरकार का कहना है कि यह प्रक्रिया संसाधनों के बेहतर उपयोग और शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिए जरूरी है। इसके तहत छोटे और छात्र संख्या कम वाले स्कूलों को मर्ज किया जाएगा और अतिरिक्त शिक्षकों को उन स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा जहाँ शिक्षक की कमी है। सरकार के अनुसार, इससे छात्र-शिक्षक अनुपात बेहतर होगा और बुनियादी ढांचे जैसे भवन, प्रयोगशालाएं और पुस्तकालय पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा।

वहीं, कांग्रेस ने इस योजना को ‘शिक्षा विरोधी और रोजगार विरोधी नीति’ बताते हुए तीखा विरोध किया है। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार स्कूलों को मर्ज या बंद करके शिक्षा के निजीकरण की ओर बढ़ रही है, जिससे 45,000 शिक्षकों सहित कई कर्मचारियों के रोजगार खतरे में पड़ जाएंगे। पार्टी ने ‘शिक्षा न्याय आंदोलन’ की शुरुआत करते हुए जिलेवार पत्रकार वार्ता, पदयात्राएं और धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस शिक्षक संगठनों के विरोध को भी समर्थन दे रही है और इसे भाजपा सरकार के खिलाफ राजनीतिक हथियार बनाने की योजना है।

शिक्षकों को दुर्गम और सुदूर इलाकों में स्थानांतरित किए जाने से भी कई परेशानियां उत्पन्न हो रही हैं, जिससे इस मुद्दे पर तनाव और बढ़ गया है। इस विवाद का असर शिक्षा व्यवस्था और ग्रामीण क्षेत्रों की शिक्षा गुणवत्ता पर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।

सरकार और विपक्ष के बीच यह तकरार आने वाले समय में छत्तीसगढ़ की राजनीति और शिक्षा व्यवस्था दोनों के लिए अहम साबित होगी।

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