रायपुर, 4 जून 2025: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) रायपुर में विश्व पर्यावरण दिवस सप्ताह (31 मई से 5 जून) के अंतर्गत 4 जून को एक विशेष इंडस्ट्री विजिट और एक्सपर्ट लेक्चर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर छात्रों और प्रतिभागियों को सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सिपेट), रायपुर का दौरा कराया गया। इसका उद्देश्य प्लास्टिक उद्योग की विस्तृत जानकारी देना और इसके पर्यावरणीय प्रभावों को समझाना था।
कार्यक्रम में एनआईटी रायपुर के फैकल्टी सदस्य डॉ. डी. सी. झारिया, डॉ. जी. पी. गुप्ता, डॉ. देबाशीष मिश्रा, डॉ. मीना मुर्मू, अन्य स्टाफ सदस्य और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत सीपेट के उद्देश्यों और तकनीकी योगदान पर आधारित एक परिचयात्मक सत्र से हुई, जिसे श्री दिलेश्वर ठाकुर ने प्रस्तुत किया। उन्होंने प्लास्टिक इंजीनियरिंग, सीएडी/सीएएम तकनीकों, और विभिन्न करियर संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक का उपयोग जीवन के हर क्षेत्र में होता है—ऑटोमोबाइल, एयरोस्पेस, हेल्थकेयर, और इलेक्ट्रॉनिक्स—लेकिन इसके उचित निपटान की दिशा में जागरूकता बेहद ज़रूरी है।
इसके बाद प्रतिभागियों ने सिपेट की अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं और वर्कशॉप्स का दौरा किया। छात्रों ने सीएडी, सीएएम, सीएनसी लैब, प्लास्टिक टेस्टिंग सेंटर, और प्रोसेसिंग वर्कशॉप का अवलोकन किया। इस दौरान उन्हें ट्विन स्क्रू कंपाउंडर जैसी महत्वपूर्ण मशीन दिखाई गई, जो प्लास्टिक रीसाइक्लिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस तकनीक के जरिए प्लास्टिक कचरे को दोबारा उपयोगी संसाधन में बदला जा सकता है, जिससे सतत विकास के लक्ष्यों की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकते हैं।
इस ज्ञानवर्धक दौरे का समापन एनआईटी रायपुर की टीम द्वारा सिपेट रायपुर के निदेशक डॉ. आलोक साहू को स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया। डॉ. साहू ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार की शैक्षणिक गतिविधियाँ युवाओं में औद्योगिक समझ और पर्यावरणीय चेतना को बढ़ावा देती हैं।
