इस्तांबुल में रूस-यूक्रेन शांति वार्ता का दूसरा दौर शुरू, ‘स्पाइडर वेब’ हमले के बाद माहौल और तनावपूर्ण

इस्तांबुल, 2 जून 2025: यूक्रेन द्वारा रूस के वायुसेना ठिकानों पर बड़े पैमाने पर ड्रोन हमले के एक दिन बाद, रूस और यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल तुर्की के इस्तांबुल शहर में शांति वार्ता के दूसरे दौर के लिए आमने-सामने हैं। वार्ता का आयोजन बोस्फोरस के किनारे स्थित ऐतिहासिक सिरगन पैलेस होटल में किया जा रहा है। हालांकि हालिया सैन्य घटनाओं के बाद शांति की संभावना और कमजोर होती दिख रही है।

रूसी पक्ष का नेतृत्व राष्ट्रपति पुतिन के करीबी और कट्टर विचारधारा वाले सलाहकार व्लादिमीर मेडिंस्की कर रहे हैं, जिन्होंने 2022 में हुई विफल वार्ताओं का भी नेतृत्व किया था। वहीं, यूक्रेन की ओर से देश के रक्षा मंत्री रुस्टम उमेरोव वार्ता का नेतृत्व कर रहे हैं, जो वर्तमान में एक घरेलू घोटाले के आरोपों से भी घिरे हुए हैं।

यूक्रेन की रणनीतिक बढ़त

यूक्रेन “ऑपरेशन स्पाइडर वेब” के तहत हालिया ड्रोन हमले में रूस के कम से कम 40 बमवर्षक विमानों को नष्ट करने में सफल रहा है। यह हमला रूस की सीमा के हजारों किलोमीटर भीतर किया गया, जिससे यूक्रेनी सैन्य क्षमता का एक नया स्तर सामने आया है।

राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने रविवार को पुष्टि की थी कि यूक्रेन वार्ता में हिस्सा लेगा। उन्होंने कहा कि यूक्रेन का रुख स्पष्ट है—बिना शर्त युद्धविराम, रूस द्वारा अपहृत यूक्रेनी बच्चों की वापसी, और क्षेत्रीय अखंडता की बहाली

रूस की कठोर शर्तें

रूस ने स्पष्ट किया है कि युद्ध समाप्ति के लिए यूक्रेन को नाटो में शामिल होने की महत्वाकांक्षा छोड़नी होगी, और रूस द्वारा कब्जा किए गए चार क्षेत्रों से अपनी सेना पूरी तरह हटानी होगी। साथ ही, रूस ने “डि-नाज़िफिकेशन” और अपने नागरिकों के अधिकारों की गारंटी की मांग रखी है।

इसके अलावा, पुतिन ने पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने और रूसी संपत्तियों की बहाली की भी मांग की है।

यूक्रेन की शांति योजना

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन इस्तांबुल में वार्ता के दौरान रूस को एक स्थायी शांति समझौते के लिए रोडमैप पेश करेगा, जिसमें शामिल होंगे:

  • यूक्रेन की सैन्य क्षमता पर कोई प्रतिबंध न हो।
  • रूस द्वारा कब्जाई गई किसी भी भूमि की अंतरराष्ट्रीय मान्यता न हो।
  • रूस को युद्ध के लिए क्षतिपूर्ति देनी होगी।
  • वर्तमान फ्रंटलाइन को भविष्य की क्षेत्रीय चर्चा का आधार बनाया जाएगा।

अमेरिकी भूमिका पर सवाल

दुनिया की नजरें अमेरिका पर भी हैं, जहां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि वे युद्ध को तुरंत खत्म कर सकते हैं। लेकिन वर्तमान घटनाक्रम में उनकी ‘मुख्य मध्यस्थ’ की छवि कमजोर होती दिख रही है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि दोनों पक्ष समझौते के लिए तैयार नहीं होते, तो अमेरिका खुद को इस युद्ध से अलग कर लेगा।

ट्रंप का यह रुख न सिर्फ अमेरिका की विदेश नीति को प्रभावित कर रहा है, बल्कि उनके नेतृत्व की वैश्विक साख पर भी सवाल उठा रहा है।

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