रायपुर/बस्तर, 09 अप्रैल। कभी नक्सलवाद की पहचान बना बस्तर अब विकास की नई मिसाल बनता जा रहा है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश के दक्षिणी सीमावर्ती और नक्सल प्रभावित जिलों में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है। घोर नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग अब ‘विकास संभाग’ के रूप में अपनी नई पहचान गढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री की दृढ़ इच्छाशक्ति, जनहितैषी योजनाओं और समग्र विकास दृष्टिकोण के कारण कांकेर, बस्तर, बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जैसे क्षेत्रों में न केवल नक्सलवाद का प्रभाव कमजोर हुआ है, बल्कि जनता की भागीदारी से इन इलाकों में विकास की रोशनी फैल रही है।
✅ ‘नियद नेल्ला नार’ योजना बनी परिवर्तन की रीढ़
छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल उन्मूलन के साथ-साथ इन जिलों में विकास कार्यों को समानांतर रूप से लागू किया। नियद नेल्ला नार योजना के अंतर्गत 145 गांवों में विशेष शिविरों के माध्यम से शासन की योजनाओं का लाभ तेजी से पहुंचाया जा रहा है।
- 124 गांव सड़कों से जुड़ चुके हैं, बाकी पर कार्य प्रगति पर है।
- मार्च 2024 तक 144 स्कूल क्रियाशील, विद्यार्थियों की संख्या में 20% वृद्धि।
- आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 193 से बढ़कर 202, पंजीकृत बच्चों में 30% इज़ाफा।
🛠️ सुरक्षा के साथ आधारभूत विकास
- 46 नए सुरक्षा कैंप स्थापित
- 1302 कार्य योजनाएं स्वीकृत
- 308 कार्य पूर्ण, 999 प्रगति पर
- वर्ष 2024-25 में आबंटित ₹220 करोड़ में से ₹200 करोड़ व्यय
📊 जनकल्याण योजनाओं की धमाकेदार पहुँच
- मनरेगा के तहत 29,000 नए जॉब कार्ड, 5,000 ‘नियद नेल्ला नार’ गांवों में
- 1 लाख आवास स्वीकृत (107% लक्ष्य पूर्ति)
- आयुष्मान भारत लाभार्थी: 19.24 लाख से 21.05 लाख
- उज्ज्वला योजना लाभार्थी: 3.61 लाख से अधिक
- पीएम किसान योजना में 20.12% वृद्धि
🌟 विश्वास की बहाली, उम्मीदों की उड़ान
जनता अब न केवल मुख्यधारा से जुड़ रही है, बल्कि सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रही है। राज्य सरकार की नीतियों और प्रशासन की सक्रियता ने भय की जगह विश्वास को जन्म दिया है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने यह सिद्ध कर दिया है कि यदि संकल्प दृढ़ हो, तो नक्सलवाद जैसे दहशत के किले भी गिराए जा सकते हैं और वहां विकास की नींव डाली जा सकती है।
