छत्तीसगढ़ में ई-ऑफिस प्रणाली लागू, डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में बड़ा कदम

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और पारदर्शी शासन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ई-ऑफिस प्रणाली को सभी सरकारी विभागों में पूरी तरह लागू करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस पहल को प्रशासनिक दक्षता, जवाबदेही और पारदर्शिता को मजबूत करने वाला एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाए हुए है और ई-ऑफिस प्रणाली बेहतर शासन सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगी।

ई-ऑफिस का राज्यव्यापी विस्तार

ई-ऑफिस प्रणाली की शुरुआत पहले सामान्य प्रशासन विभाग में की गई थी, जिसे अब सभी मंत्री स्तरीय विभागों तक विस्तारित कर दिया गया है। अब तक 16 विभागीय मुख्यालयों को इस प्रणाली से जोड़ा जा चुका है, और जिला स्तर पर भी तेजी से कार्यान्वयन जारी है। खास बात यह है कि सक्ती जिला पहला ऐसा जिला बन गया है, जहां ई-ऑफिस को पूरी तरह लागू कर दिया गया है, जिससे यह पूरे राज्य के लिए मिसाल बन गया है।

डिजिटल शासन के नए आयाम

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ई-ऑफिस प्रणाली से प्रशासनिक प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण होगा, जिससे कागजी कार्यवाही में कमी आएगी और निर्णय लेने की प्रक्रिया तेज होगी। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि सभी विभागों में फाइलों की डिजिटल स्वीकृति सुनिश्चित की जाए ताकि शासन तेजी से, अधिक जवाबदेह और पारदर्शी तरीके से कार्य कर सके

उन्होंने कहा, “ई-ऑफिस प्रणाली के लागू होने से हम आधुनिक शासन की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ा रहे हैं। यह प्रणाली फाइलों की रियल-टाइम ट्रैकिंग की सुविधा देगी, निर्णय लेने की गति बढ़ाएगी और कागजी दस्तावेजों पर निर्भरता कम करेगी, जिससे शासन अधिक स्मार्ट और प्रभावी बनेगा।”

डिजिटल इंडिया के विजन के अनुरूप कदम

छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया विजन के अनुरूप राज्य में ई-गवर्नेंस को मजबूत करने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ई-गवर्नेंस अब कुशल प्रशासन का एक सशक्त माध्यम बन गया है, जिससे सरकारी सेवाएं अधिक पारदर्शी, सुलभ और नागरिक केंद्रित हो रही हैं।

ई-ऑफिस प्रणाली के प्रमुख लाभ

फाइल अनुमोदन की प्रक्रिया तेज होगी, जिससे योजनाओं और नीतियों का क्रियान्वयन तेजी से हो सकेगा।
रियल-टाइम ट्रैकिंग और डिजिटल दस्तावेज प्रबंधन, जिससे डेटा की पुनरावृत्ति रोकी जा सकेगी।
सरकारी कार्यों में जवाबदेही बढ़ेगी, जिससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी।
कागजी कार्यवाही, मानव संसाधन लागत और लॉजिस्टिक खर्चों में कमी आएगी, जिससे शासन अधिक कुशल होगा।
अधिकारी और कर्मचारी कहीं से भी फाइलों की जांच कर सकेंगे, जिससे निर्णय लेने में तेजी आएगी।

छत्तीसगढ़ बनेगा डिजिटल गवर्नेंस में अग्रणी राज्य

मुख्यमंत्री साय ने सभी सरकारी विभागों को निर्देश दिए हैं कि ई-ऑफिस प्रणाली के कार्यान्वयन को प्राथमिकता दें ताकि छत्तीसगढ़ डिजिटल गवर्नेंस में अग्रणी राज्य बन सके। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य शासन को सहज, पेपरलेस और अत्यधिक कुशल बनाना है। ई-ऑफिस प्रणाली का सफल कार्यान्वयन छत्तीसगढ़ को भारत के शीर्ष डिजिटल रूप से उन्नत राज्यों में शामिल करेगा।”

यह पहल राज्य के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी और छत्तीसगढ़ को पारदर्शी, प्रभावी और नागरिक-प्रथम शासन के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ाएगी।

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