नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी व्हाइट हाउस यात्रा से पहले, भारत के रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने अमेरिका से संभावित रक्षा खरीद पर भारत के रुख को स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ रक्षा सहयोग दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण पहलू रहेगा, खासकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के तहत।
रक्षा सचिव ने कहा कि कुछ रक्षा सौदों में अमेरिकी कंपनियां भी बोली लगा सकती हैं। उन्होंने बताया कि भारत गुणवत्ता और स्वदेशीकरण के मानकों को पूरा करने वाली अमेरिकी कंपनियों को इन अनुबंधों का हिस्सा बना सकता है।
सिंह ने यह भी बताया कि भारत पहले ही बोइंग और एयरबस से 1,500 नागरिक विमानों का ऑर्डर दे चुका है, जिससे कुछ सौदे की क्षमता कम हो गई है। इसके अलावा, पिछले साल अमेरिका से प्रीडेटर ड्रोन की खरीद भी की गई थी।
रक्षा सचिव ने यह भी बताया कि भारत ने अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी GE से विमान इंजन का ऑर्डर दिया है और भविष्य में ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, इन्फैंट्री वाहनों और अतिरिक्त टोही विमानों की खरीद पर चर्चा की जा सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन्फैंट्री वाहनों की चर्चा अमेरिका के स्ट्राइकर बख्तरबंद वाहन के लिए हो सकती है। फरवरी 2023 में, यह रिपोर्ट आई थी कि भारत और अमेरिका संयुक्त रूप से बख्तरबंद वाहनों के उत्पादन पर बातचीत कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान इन रक्षा सौदों को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा होने की संभावना है, जिससे दोनों देशों के रणनीतिक संबंध और मजबूत होंगे।
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