नई दिल्ली: केंद्रीय बजट में मध्यवर्ग को अब तक की सबसे बड़ी कर राहत दी गई है। नए कर प्रावधानों के तहत, ₹7 लाख से ₹12 लाख सालाना कमाने वाले लोगों को अब पूरी तरह से कर छूट मिलेगी, जबकि पहले यह सीमा ₹7 लाख तक थी। वहीं, ₹12 लाख से अधिक आय वाले करदाताओं के लिए कर छूट सीमा को ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹4 लाख कर दिया गया है।
इस बजट में सभी कर श्रेणियों के लिए कर दरों को अनुकूल बनाया गया है और सीमांत कर दरों में भी कटौती की गई है। इसका सीधा लाभ उन सभी करदाताओं को होगा जिनकी वार्षिक आय ₹7 लाख से अधिक है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस कदम से सरकार के प्रत्यक्ष कर संग्रह में लगभग ₹1 लाख करोड़ की कमी आएगी, जो कि चालू वर्ष के ₹12.57 लाख करोड़ के कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह का लगभग 8% है।

माना जा रहा है कि इस कर कटौती से देश के करदाता राहत महसूस करेंगे, हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में कर चुकाने वाला मध्यवर्ग कुल आबादी का केवल 2-3% है। इसके बावजूद, यह एक ऐतिहासिक कर राहत है, जिससे हर करदाता को फायदा होगा।
