वॉशिंगटन/नई दिल्ली: अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 205 भारतीय नागरिकों को देश से बाहर निकालने के लिए एक सैन्य विमान (C-17 ग्लोबमास्टर) का इस्तेमाल किया गया। यह विमान मंगलवार (4 फरवरी) तड़के करीब 3 बजे (IST) सैन एंटोनियो, टेक्सास से भारत के लिए रवाना हुआ।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने अवैध प्रवासियों पर कड़ी कार्रवाई का अभियान तेज कर दिया है। ट्रंप ने हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनाव में अवैध प्रवासियों पर सख्ती के वादे को प्रमुख मुद्दा बनाया था और अब इसे आक्रामक रूप से लागू कर रहे हैं।
सैन्य विमानों से डिपोर्ट करने की क्या वजह?
आमतौर पर अमेरिका अवैध प्रवासियों को वाणिज्यिक चार्टर विमानों (ICE Flights) के माध्यम से डिपोर्ट करता है, लेकिन ट्रंप प्रशासन सैन्य विमानों का उपयोग कर रहा है। यह कदम महंगा होने के बावजूद उठाया जा रहा है क्योंकि ट्रंप प्रशासन इसे एक राजनीतिक संदेश के रूप में पेश कर रहा है।
ट्रंप का बयान:
हाल ही में रिपब्लिकन सांसदों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा,
“इतिहास में पहली बार, हम अवैध प्रवासियों को सैन्य विमानों में भरकर उन्हें उनके देशों में वापस भेज रहे हैं। अब दुनिया हमें फिर से सम्मान की नजरों से देख रही है, पहले वे हमें मूर्ख समझते थे।”
सैन्य विमान से डिपोर्ट करना कितना महंगा?
सैन्य विमान से अवैध प्रवासियों को भेजना अमेरिका के लिए बेहद महंगा सौदा साबित हो रहा है।
🔹 C-17 मिलिट्री विमान की परिचालन लागत: $28,500 प्रति घंटे
🔹 ग्वाटेमाला भेजे गए एक सैन्य विमान की लागत: $4,675 प्रति प्रवासी
🔹 ICE के वाणिज्यिक चार्टर फ्लाइट की लागत: $630 प्रति प्रवासी
यानी सैन्य विमान से डिपोर्ट करने की लागत वाणिज्यिक फ्लाइट्स की तुलना में करीब 7 गुना अधिक है।
कौन-कौन से देश अब तक निशाने पर?
ट्रंप प्रशासन ने अब तक ग्वाटेमाला, पेरू, होंडुरास, इक्वाडोर और कोलंबिया में सैन्य विमानों के जरिए अवैध प्रवासियों को भेजा है। हालांकि कोलंबिया ने अमेरिका के सैन्य विमान को उतरने से इनकार कर दिया था और अपने नागरिकों को खुद लेकर आया।
अब तक भारत के लिए सबसे लंबी सैन्य डिपोर्टेशन उड़ान भरी गई है, जिससे इस मुद्दे को और अधिक तूल मिल सकता है।
क्या है ट्रंप प्रशासन का असली मकसद?
🔸 अवैध प्रवासियों पर सख्ती दिखाना – ट्रंप लगातार अवैध प्रवासियों को “अपराधी” और “घुसपैठिए” कहते रहे हैं।
🔸 चुनावी एजेंडा मजबूत करना – 2024 में ट्रंप फिर से राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकते हैं, इसलिए वह अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की छवि बनाना चाहते हैं।
🔸 डराने की रणनीति – सैन्य विमानों से डिपोर्ट करने का मकसद अवैध प्रवासियों को डराकर अमेरिका में घुसने से रोकना है।
भारत के लिए क्या मायने रखता है यह फैसला?
भारत से हर साल हजारों लोग अवैध रूप से अमेरिका जाने की कोशिश करते हैं। अब जब ट्रंप प्रशासन सख्ती बरत रहा है और सैन्य विमानों तक का उपयोग कर रहा है, तो इससे भारतीय अप्रवासियों के लिए मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हजारों भारतीयों को जल्द ही डिपोर्ट किया जा सकता है।
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