छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री और मौजूदा कांग्रेस विधायक कवासी लखमा की गिरफ्तारी के बाद राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। सूत्रों के अनुसार, इस मामले की जांच पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक पहुंच सकती है।
ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की जांच में खुलासा हुआ है कि जिस नोटशीट के आधार पर इस शराब घोटाले का षड्यंत्र रचा गया, उस पर लखमा के साथ भूपेश बघेल के भी हस्ताक्षर मौजूद हैं। इस घोटाले में करीब 2000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। लखमा से पूछताछ के दौरान भूपेश बघेल की भूमिका को लेकर भी सवाल-जवाब किए जा रहे हैं।
जांच में यह भी सामने आया है कि लखमा को प्रति माह शराब सिंडिकेट से दो करोड़ रुपये का कमीशन दिया जाता था। विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार में हुए शराब घोटाले जैसा है, जहां आबकारी मंत्री की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री को भी गिरफ्तार किया गया था।
ईडी की कार्रवाई जारी
सूत्रों के मुताबिक, ईडी की टीम में दिल्ली से आए अधिकारी भी शामिल हैं और कोंटा विधायक कवासी लखमा के बाद अन्य कांग्रेस नेताओं को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। भाजपा के प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन का कहना है कि भूपेश बघेल ने आदिवासी नेता को मोहरा बनाकर शराब घोटाला किया है।
वहीं, भूपेश बघेल ने इस कार्रवाई को बदले की भावना से प्रेरित बताया है। उन्होंने कहा कि लखमा ने विष्णु देव सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर किया था, इसलिए यह कार्रवाई की गई है।