नई दिल्ली। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा डिसानायके ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान यह सुनिश्चित किया कि श्रीलंका की भूमि का उपयोग भारत के हितों के खिलाफ किसी भी प्रकार से नहीं होने दिया जाएगा। यह बयान नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में आयोजित वार्ता के दौरान दिया गया।
राष्ट्रपति डिसानायके ने भारत-श्रीलंका के मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को और बेहतर बनाने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा, “भारत के साथ हमारा सहयोग निश्चित रूप से फलता-फूलता रहेगा। मैं भारत के प्रति अपनी निरंतर समर्थन की भावना को दोहराना चाहता हूं।”
भारत-श्रीलंका संबंधों को नई दिशा
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि श्रीलंका भारत के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता देता है और दोनों देशों के बीच सहयोग को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में कार्य करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी श्रीलंका के इस दृष्टिकोण की सराहना की और क्षेत्रीय शांति और विकास के लिए भारत-श्रीलंका के बीच मजबूत सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।
भविष्य में सहयोग बढ़ाने की उम्मीद
वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के संभावित उपायों पर चर्चा की, जिनमें सुरक्षा, आर्थिक साझेदारी और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देना शामिल है।