बीजू जनता दल (बीजेडी) ने शुक्रवार को ओडिशा में ऊर्जा खरीद समझौते (पावर परचेज एग्रीमेंट) को लेकर सफाई दी और यह स्पष्ट रूप से खारिज किया कि राज्य सरकार के अधिकारियों ने आदानी ग्रुप से रिश्वत ली। बीजेडी का यह बयान भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद आया, जिसमें आदानी ग्रुप के साथ कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया गया था।
बीजेडी का पक्ष:
बीजेडी के डिप्टी चीफ व्हिप प्रताप केशरी देब ने बयान जारी करते हुए कहा,
“2021 में किया गया पावर परचेज एग्रीमेंट दो सरकारी एजेंसियों के बीच था और इसमें आदानी ग्रुप या किसी अन्य निजी कंपनी की कोई भागीदारी नहीं थी। यह समझौता केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम (PSU) SECI और ओडिशा सरकार के PSU ग्रिडको के बीच हुआ था।”
बीजेडी ने यह भी कहा कि 2011 से ओडिशा राज्य अपने नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने के लिए SECI और NTPC जैसी केंद्रीय सरकारी इकाइयों से नवीकरणीय ऊर्जा खरीद रहा है।
भाजपा का हमला:
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस और विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा कि अमेरिकी अभियोग में जिन राज्यों का जिक्र किया गया है, वे सभी गैर-भाजपा शासित राज्य थे। पात्रा ने कहा,
“चारों राज्यों में भाजपा के मुख्यमंत्री नहीं थे। कांग्रेस और उसके सहयोगी दल छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु में सत्ता में थे।”
पात्रा ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
मीडिया के आरोप खारिज:
बीजेडी ने मीडिया में फैलाई गई खबरों को “निराधार और गलत” बताते हुए कहा कि 2021 के समझौते में केवल सरकारी इकाइयों की भागीदारी थी और किसी भी निजी कंपनी, विशेष रूप से आदानी ग्रुप, का इससे कोई संबंध नहीं था।
पृष्ठभूमि:
यह विवाद तब शुरू हुआ जब अमेरिकी अभियोग में आदानी ग्रुप के नाम के साथ कुछ राज्यों का उल्लेख किया गया था। भाजपा ने इसे कांग्रेस और विपक्षी दलों से जोड़ते हुए सवाल खड़े किए, जबकि बीजेडी ने इसे पूरी तरह खारिज कर दिया।