ट्विन सिटी के बहुप्रतिक्षित अभिषेक मिश्रा हत्याकांड पर सोमवार को फैसला नहीं सुनाया जा सका। जिला न्यायाधीश के अवकाश पर होने के कारण फैसले की तिथि को स्थगित दिया गया। प्रकरण पर अगली सुनवाई तिथि 28 जनवरी निर्धारित की गई है। संभवत: इस दिन जिला सत्र न्यायाधीश हत्याकांड के अभियुक्तों के संबंध में अपना फैसला सुना सकते हैै।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। शंकरा एज्युकेशन सोसायटी के डायरेक्टर अभिषेक मिश्रा की हत्या के प्रकरण पर लगभग 4 वर्ष से अदालत में विचारण किया जा रहा है। प्रकरण से संंबधित सभी गवाहों के कथन अदालत के समक्ष दर्ज किए जा चुके है। मुल्जिम बयान के साथ बचाव पक्ष व अभियोजन पक्ष के बीच जिरह भी हो चुकी है। फैसले के लिए न्यायालय द्वारा 13 जनवरी की तिथि तय की गई थी। 13 जनवरी को विचारण न्यायालय के जिला सत्र न्यायाधीश जीके मिश्रा के अवकाश पर होने के कारण इस प्रकरण पर फैसला नहीं सुनाया जा सका। संभवत: 28 जनवरी को निर्धारित तिथि पर प्रकरण पर फैसला सुनाया जा सकता है।
आपको बता दें कि अभिषेक मिश्रा 9 नवंबर 2015 की शाम लापता हो गया था। अभियुक्तों द्वारा नक्सलियों द्वारा फिरौती की रकम के लिए अभिषेक का अपहरण किए जाने का जामा भी पहनाने का प्रयास किया गया था। लगभग 44 दिन बाद अभिषेक का शव स्मृति नगर के एक मकान में दफन मिला था। जिस स्थान पर अभिषेक के शव को दफन किया गया था, वहां पर गोभी के पौधे रौप दिए गए थे। इस मामले में पुलिस ने अभिषेक की पूर्व कर्मी किम्सी जैन कंबोज के साथ उसके पति विकास जैन व चाचा अजीत सिंह को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। तीनों अभियुक्त फिलहाल जेल में ही निरुद्ध है।