छत्तीसगढ़ सरकार ने संपत्ति खरीदने वाले मध्यम वर्गीय लोगों को बड़ी राहत दी है। अब प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री में गाइडलाइन दर से अधिक मूल्य पर सौदा होने के बावजूद रजिस्ट्री शुल्क केवल गाइडलाइन दर के आधार पर लिया जाएगा। यह निर्णय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया।
इस संशोधन से विशेष रूप से उन लोगों को लाभ होगा जो बैंक लोन के माध्यम से प्रॉपर्टी खरीदते हैं। पहले संपत्ति की रजिस्ट्री गाइडलाइन दर या सौदे की वास्तविक राशि, जो भी अधिक हो, उसके आधार पर होती थी। लेकिन अब अगर किसी संपत्ति का गाइडलाइन मूल्य 10 लाख रुपये है और सौदा 15 लाख में होता है, तो भी रजिस्ट्री शुल्क केवल 10 लाख रुपये के 4% (40,000 रुपये) के हिसाब से लिया जाएगा। इस बदलाव से खरीदार को 20,000 रुपये की बचत होगी।
बैंक लोन प्रक्रिया होगी आसान
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि इस नीति से मध्यमवर्गीय परिवारों को वास्तविक संपत्ति मूल्य के आधार पर अधिक बैंक ऋण प्राप्त करने में सुविधा होगी। अब खरीदार रजिस्ट्री दस्तावेजों में संपत्ति का सही मूल्य अंकित कर सकेंगे, जिससे उन्हें पर्याप्त बैंक लोन मिल सकेगा।
अन्य राज्यों से प्रेरित पहल
देश के कई राज्यों में गाइडलाइन मूल्य या सौदे की अधिकतम राशि पर रजिस्ट्री शुल्क लगता है। केवल मध्य प्रदेश में गाइडलाइन दर से अधिक सौदे पर पंजीयन शुल्क में छूट दी जाती है। इसी नीति से प्रेरित होकर छत्तीसगढ़ सरकार ने यह फैसला लिया है, जिससे संपत्ति बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी।
लोगों को मिलेगा वास्तविक मुआवजा
इस नीति का एक और फायदा यह है कि संपत्ति के कागजों में वास्तविक मूल्य अंकित होने से किसी विवाद या धोखाधड़ी की स्थिति में प्रभावित व्यक्ति को सही मुआवजा मिल सकेगा।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल न केवल मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत देगी, बल्कि संपत्ति बाजार में ईमानदारी और पारदर्शिता को बढ़ावा देगी।