नदी को जल प्रदूषण से बचाने के लिए राजनांदगांव के मां पंचगव्य अनुसंधान केंद्र द्वारा अनुकरणीय प्रयास किए जा रहे है। केंद्र द्वारा इस कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान के लिए गाय के गोबर से बने दीप बनाए गए है। इसके अलावा नदी में स्नान के लिए सप्तधान्य व मुलतानी मिट्टी से बने साबुन भी उपलब्ध कराए जाएगें। संस्था की ओर से दीपदान का आयोजन मोहरा नदी तट पर किया जाएगा।
राजनांदगांव (छत्तीसगढ़)। मां पंचगव्य अनुसंधान केन्द्र द्वारा यह पहल की गई है। संस्था गौ रक्षा के क्षेत्र में सतत प्रयासरत है। अनुसंधान केन्द्र द्वारा कार्तिक पूर्णिमा हेतु देशी गाय के गोवर से बने तैरने वाले दिये बनाए गए हैं, जो कि पूरी तरह से प्रदूषण रहित है। साथ ही जल प्रदूषण को दूर करते हैं। धार्मिक त्यौहारों में नदी पूजन व स्नान के दौरान नदी में डाली जाने वाली सामग्री से बढ़ते जल प्रदूषण पर रोक लगाने के उद्देश्य से अनुसंधान केंद्र ने यह पहल की है। कार्तिक पूर्णिमा पर मोहारा नदी में हजारों श्रद्धालुओं के द्वारा दीपदान किया जाता है। जल प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए मां पंचगव्य अनुसंधान केन्द्र के प्रयासों से इस वर्ष मोहारा दीपदान किए जाने वाले दोनो घाट पर शुद्ध तेल व देशी गाय के गोवर से बने तैरने वाले दीपों की व्यवस्था की गई है। साथ ही केमिकल रहित पवित्र साबुन, उबटन की भी व्यवस्था की गई है।