कांकेर (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज कांकेर जिले के तहसील मुख्यालय भानुप्रतापपुर में गोंडवाना समाज के पेन करसाड मांदरी एवं एक दिवसीय वार्षिक सम्मेलन में शिरकत की, जहां पर उन्होंने कांकेर के मेडिकल कॉलेज का नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी के नाम पर करने की घोषणा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 14 करोड़ 47 लाख रुपए की लागत के 146 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया।
इसमें 09 करोड़ 55 लाख रुपए के 94 कार्यों का लोकार्पण और 04 करोड़ 76 लाख रुपए के 52 कार्यों का भूमिपूजन शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने भानुप्रतापपुर में खेल मैदान का नामकरण पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष स्वर्गीय मनोज मंडावी के नाम पर करने की भी घोषणा की। उसके साथ ही चालकी मांझी के लिए 10-10 हज़ार रूपये की घोषणा, भानुप्रतापपुर में स्ट्रीट लाइट, शेड निर्माण, अहाता निर्माण हेतु 10-10 लाख रूपये की घोषणा और भानुप्रतापपुर के जीर्ण-शीर्ण स्कूलों का जीर्णाेद्धार करने का प्रस्ताव राज्य शासन को प्रेषित करने के निर्देश कांकेर कलेक्टर को दिए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भानुप्रतापपुर के गोंडवाना भवन में आयोजित सम्मेलन में गोंडवाना समाज के लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सबसे पहले दुनिया में आदि संस्कृति का प्रादुर्भाव हुआ। आदिवासी संस्कृति और परंपरा को संरक्षित करने का प्रयास प्रदेश सरकार लगातार कर रही है। 2019 से जिले में अब तक 518 देवगुड़ी का निर्माण 17 करोड़ 82 लाख रुपए की लागत से कराया। इसी तरह 173 घोटूल 19 करोड़ 91 लाख रुपए की लागत से बनवाए। बघेल ने कहा कि सेवा का मतलब मानव समाज, संस्कृति और प्रकृति की सेवा करना है राज्य सरकार द्वारा आदिवासी संस्कृति को संरक्षित करने का कार्य किया जा रहा है। प्रदेश की सभी आदिवासी बोलियों को लिपिबद्ध करने, लोकनृत्य, लोकगीत और पारंपरिक खेल को संरक्षित करने, सहेजने का भी काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश का सबसे बड़ा मिलेट का प्लांट कांकेर जिले के नथिया नवागांव में जो हाल में ही प्रारंभ किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे बच्चे भी आधुनिक शिक्षा से जुड़े, इसके लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना लागू की गई है। कांकेर जिले के किसानों ने पहली बार ऐतिहासिक 40 लाख क्विंटल धान बेचा। प्रदेश में पहले गोबर से घर लीपने का काम होता था, अब घरांे की दीवारों को गोबर निर्मित प्राकृतिक पेंट से पोताई किया जाएगा। बस्तर में बंद पड़े स्कूलों को खोला गया, इसके लिए स्कूलों का जीर्णाेद्धार करने एक हज़ार करोड़ का बजट प्रावधान राज्य शासन द्वारा किया गया है।
कार्यक्रम में आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने अपने उद्बोधन में कहा कि बस्तर की कोदो – कुटकी और मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देकर आदिवासियों को आत्मनिर्भर बनाने की कवायद प्रदेश शासन द्वारा की जा रही है। गांव-गांव में देवगुड़ी बनवाकर आदिवासी परम्परा को सरकार सम्मान देने का काम कर रही है। पूर्व मंत्री मध्यप्रदेश गंगा पोटाई, भानुप्रतापपुर विधायक सावित्री मंडावी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर संसदीय सचिव एवं विधायक शिशुपाल शोरी, अंतागढ़ विधायक अनूप नाग, जिला पंचायत अध्यक्ष हेमंत ध्रुव, पर्यटन मंडल के सदस्य बिरेश ठाकुर, गौ सेवा आयोग के सदस्य नरेंद्र यादव सहित संभाग संभागायुक्त श्याम धावड़े, पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला, एसपी शलभ सिन्हा, डीएफओ आलोक बाजपेई सहित गोंडवाना समाज के वरिष्ठ प्रतिनिधिगण और स्थानीय जन प्रतिनिधि बड़ी संख्या में मौजूद रहे।