रायपुर (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नववर्ष के अवसर पर राज्य शासन के श्रम विभाग द्वारा संचालित शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना के हितग्राहियों से रायपुर के गांधी मैदान चावड़ी में भेंट की थी। इस मौके पर उन्होंने श्रम विभाग की मेधावी छात्र/छात्रा शिक्षा प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु पूर्व में अधिसूचित कोर्स के अलावा अतिरिक्त नवीन कोर्स (जैसे-बीटेक, आईआईआईटी, आईआईटी, एमटेक, बीआर्क, एमबीबीएस, बीडीएस, एमसीए, एमबीए, बीबीए) और श्रमिकों के जो बच्चें राज्य के बाहर तथा विदेश में अध्ययन करेंगे, उनकों भी शैक्षणिक संस्था में प्रवेश शुल्क, शैक्षणिक शुल्क, भोजन, छात्रावास पर लगने वाले शुल्क का व्यय एवं स्टेशनरी हेतु दो हजार रूपए की राशि प्रदान करने की घोषणा की।
गौरतलब है कि इस योजना में सिर्फ शासकीय आई.टी.आई., आईआईटी, इंजीनियरिकंग, मेडिकल, लॉ, डेन्टल, नर्सिंग, जीएनएम नर्सिंग, बी फार्मेसी, डी फार्मेसी, पॉलिटेक्निक एवं डिप्लोमा कोर्स पहले से ही शामिल है।
श्रम विभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा संचालित मेधावी छात्र/छात्रा शिक्षा प्रोत्साहन योजना अंतर्गत अब तक 77 हजार 457 से अधिक पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को 31 करोड़ 68 लाख 58 हजार 739 रूपए की राशि प्रदान की गई है। श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने विभागीय अधिकारियों को अधिक से अधिक पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के पात्र बच्चों को मेधावी छात्र/छात्रा शिक्षा प्रोत्साहन योजना से लाभान्वित करने के निर्देश दिए हैं।
मेधावी छात्र/छात्रा शिक्षा प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत ही पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के प्रथम दो बच्चों के लिए जिन्होंने कक्षा 10वीं एवं 12वीं में 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं, इसमें छात्र के लिए पांच हजार रूपए और छात्रा के लिए पांच हजार 500 रूपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। इसी तरह से स्नातक और स्नातकोत्तर के छात्र को सात हजार रूपए और छात्रा को 10 हजार 500 रूपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।
समस्त व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रोफेशनल शिक्षा हेतु छात्र के लिए 12 हजार रूपए और छात्रा के लिए 12 हजार 500 रूपए श्रमिकों के बच्चों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। इसी तरह से छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के कक्षा 10वीं एवं 12वीं में प्रावीण्य सूची के प्रथम दसवें स्थान पर आने वाले विद्यार्थियों को एक लाख रूपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।
योजना का लाभ लेने के लिए 90 दिवस निर्माण श्रमिक के रूप में पंजीकृत होना आवश्यक है। योजना का लाभ पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के प्रथम दो बच्चों को ही दिया जाएगा। योजनांतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की समस्त आवेदन की प्रक्रिया श्रम विभागीय पोर्टल सीजीलेबरडॉटएनआईसीडॉटइन पर ऑनलाइन प्रारंभ है, जिसमें श्रमिक स्वयं ऑनलाइन के माध्यम से/श्रमेव जयते मोबाईल एप/संबंधित जिला के श्रम कार्यालय किसी भी लोक सेवा के माध्यम से आवेदन कर सकता है।