रायपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ के खनिज विभाग से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में विशेष अदालत ने मुख्यमंत्री कार्यालय की उप सचिव सौम्या चौरसिया को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने का आदेश दिया है। उनको अब 19 दिसम्बर को फिर से अदालत में पेश किया जाएगा। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय-ED की रिमांड खत्म होने के बाद एजेंसी ने उसे रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया। सौम्या चौरसिया के पर लगे आरोपों पर ED अगल अभियोगपत्र बना रही है। इसे पूरक अभियोगपत्र के तौर पर अदालत में पेश किया जाएगा। इसके लिए एजेंसी के पास फरवरी तक का समय है। लेकिन बताया जा रहा है कि इस दस्तावेज को ED के वकील दिसम्बर के आखिर तक पेश करने की कोशिश करेंगे।
प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिंग मामले में अफसरों और कारोबारियों से लगातार कई दिनों की पूछताछ के बाद 2 दिसम्बर को राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया था। उनपर बेनामी संपत्ति की खरीदी-बिक्री से काला धन खपाने का आरोप लगा है। पहले उनको 6 दिसम्बर तक ED की हिरासत में भेजा गया था।उसके बाद 10 दिसम्बर तक फिर 14 दिसम्बर तक के लिए ED को कस्टडी मिली। इस तरह ED ने सौम्या से हिरासत में 14 दिनों तक पूछताछ की है। अब उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है।
अदालत में ED की ओर से कहा गया, सौम्या चौरसिया के बाहर रहने से सबूतों और गवाहों को प्रभावित करने की आशंका बढ़ जाएगी। बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। 19 दिसम्बर को उनको फिर से अदालत के सामने पेश किया जाना है।
ED ने पिछले शुक्रवार को चार आरोपियों सूर्यकांत तिवारी, समीर विश्नोई, सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी के खिलाफ अदालत में अभियोगपत्र भी पेश कर दिया है। आरोप है, इन लोगों ने 16 महीनों में ही कोयला परिवहन से 540 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की है। यह रकम अफसरों-कारोबारियों में बांटी गई है। अवैध वसूली की रकम कोयला कारोबार और जमीन में लेयरिंग की गई है।