फिक्स डिपॉजिट की अवधि पूर्ण होने के पश्चात मिलने वाली राशि में कटौती किए जाने के मामले में जिला उपभोक्ता फोरम ने बैंक के खिलाफ आदेश पारित किया है। फोरम ने कटौती की गई राशि ब्याज के साथ लौटाने का आदेश बैंक को दिया है। मामला स्टेट बैंक की गुरुद्वारा रोड़ स्थित ब्रांच का है।
दुर्ग, (छत्तीसगढ़)। पुलगांव थाना के ग्राम बोरई निवासी यशपाल साहू ने स्टेट बैंक की गुरुद्वारा रोड़ स्थित ब्रांच के खिलाफ यह मामला उपभोक्ता फोरम के समक्ष प्रस्तुत किया था। फोरम में दाखिल प्रकरण के अनुसार यशपाल साहू ने स्टेट बैंक ऑप इंदौर की शाखा में 10 वर्ष की अवधि के लिए 35 हजार रु. फिक्स डिपाजिट किए थे। 12 मार्च 2018 को मियाद पूरी होने पर यशपाल को 81 हजार 162 रु. का भुगतान किया जाना था। बैंक की इस शाखा वर्ष 2014 में स्टेट बैंकऑफ इंडिया की गुरुद्वारो रोड़ स्थित ब्रांच में विलय हो गया था। समायावधि पूर्ण होने पर फिक्स डिपाडिट रकम बैंक से निकालने पर बैंक ने 9398 रु. की कटौती कर 71 हजार 764 रु. का भुगतान किया। जिसकी शिकायत किए जाने पर बैंक प्रबंधन द्वारा निराकरण नहीं किया गया। जिस पर प्रकरण को उपभोक्ता फोरम के समक्ष प्रस्तुत किया गया। प्रकरण पर बैंक ने फोरम को बताया कि यह राशि बतौर टैक्स काटी गई है। इस संबंध में एमएसीटी का आदेश है। जिला उपभोक्ता फोरम ने बैंक के इस तर्क को खारिज करते हुए यशपाल को कटौती राशि में से 8 हजार 263 रु. का भुगतान 6 प्रतिशत के ासथ एक माह की अवधि में करने का निर्देश दिया है। साथ ही मानसिक क्षतिपूर्ति के रुप 8 हजार रु. व वाज व्यय की राशि 2 हजार रु. का भुगतान करने का आदेश दिया है।