दुर्ग (छत्तीसगढ़)। पाटन विधानसभा क्षेत्र के ग्राम खुड़मुड़ा में 86 दिन पहले एक परिवार के चार सदस्यों के अंधे कत्ल की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। इस अंधे कत्ल के आरोप में पुलिस ने परिवार के मुखिया के पुत्र के साथ तीन अन्य सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। हत्या का कारण जमीन विवाद सामने आया है। पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज विवेकानंद सिंहा ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान यह खुलासा किया। उन्होंने बताया कि इस अंधे कत्ल को सुलाझने में फोरेंसिक, वैज्ञानिक, रसायनिक व टेक्नीकल टीम की विशेष भूमिका रही।
बता दें कि 21 दिसंबर 2020 को पाटन क्षेत्र के अम्लेश्वर थाना अंतर्गत ग्राम खुड़मुड़ा की खार में बाड़ी से एक ही परिवार के चार सदस्यों की शव बरामद किया गया था। परिवार के मुखिया बलराम सोनकर की पत्नी दुलारी बाई और बहु कीर्तिन सोनकर का शव बाड़ी में घर में मिला था। वहीं बालाराम सोनकर व उसके पुत्र रोहित का शव बाड़ी में पानी की टंकी से बरामद किया गया था। हत्यारों ने बालाराम के पोते दुर्गेश को भी हमला कर गंभीर रुप से घायल कर दिया था। इस मामले में पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ दफा 302, 307, 201 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विवेचना में लिया था। पुलिस ने ग्राम घुघवा निवासी योगेश सोनकर उर्फ महाकाल (34 वर्ष), नरेश सोनकर (49 वर्ष), खुड़मुड़ा निवासी गंगाराम सोनकर (35 वर्ष) तथा ग्राम कोपेडीह निवासी रोहित सोनकर उर्फ रोहित मोसा (35 वर्ष) की इस वारदात में संलिप्तता को उजागर की है।
आईजी विवेकानंद सिंहा ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष टीम का गठन किया गया। मौके पर फोरेंसिक विशेषज्ञों द्वारा जांच की गई। जिससे यह स्पष्ट हो गया था कि हत्या की इस घटना को अंजाम देने में एक से अधिक लोगों का हाथ है, लेकिन कारण स्पष्ट नहीं था। जिस पर पुलिस टीम ने विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रख कर पड़ताल को आगे बढ़ाया था। पुलिस इस वारदात के दौरान घायल दुर्गेश से मामले को सुलझाने में विशेष सहयोग की अपेक्षा कर रही थी, लेकिन घटना से बदहवास दुर्गेश पुलिस को सहीं जानकारी नहीं दे पा रहा था। जिसके बाद पुलिस ने जांच की दिशा बदली। हर संभावित पहलु की सूक्ष्मता से जांच की गई। संदेहियों से पूछताछ कर उनका रसायनिक परीक्षण कराया गया। जिसके बाद अंधे कत्ल को सुलझाने में सफलता मिली। इस गुत्थी को सुलझाने में एसपी प्रशांत ठाकुर, एएसपी रूलर प्रज्ञा मेश्राम, एएसपी सिटी रोहित झा, सीएसपी राकेश जोशी, इंस्पेक्टर बृजेश कुशवाहा सहित टीम के अन्य सदस्यों की विशेष भूमिका रही।
रास्ता नहीं देना बना हत्या कारण
उन्होंने बताया कि पूछताछ में यह जानकारी सामने आई थी कि मृतक बालाराम के पुत्र गंगाराम का परिवार के सदस्यों के साथ जमीन विवाद को लेकर प्राय: विवाद होता रहता था। बालाराम के खेत के पास गंगाराम का डेढ़ एकड़ खेत था। जिसमें आने जाने के लिए रास्ते की मांग उसके द्वारा की जाती थी। जिसका विरोध गंगाराम की मां दुलारी बाई और भाई रोहित किया करते थे। इसको लेकर गंगाराम अपनी मां को जान से मारने की धमकी देते रहता था। इसके अलावा गंगाराम के हिस्से की सवा एकड़ भूमि सोमनाथ के नाम दर्ज है। इस भूमि के धान को सोसायटी में बेचने के लिए ऋण पुस्तिका की मांग किए जाने पर उसकी मां दुलारीबाई इंकार कर देती थी। जिसको लेकर भी वह रंजिश रखने लगा था।
ऐसे रची साजिश
जमीन विवाद को लेकर गंगाराम अपने पिता सहित परिवार के अन्य सदस्यों से रंजिश रखने लगा था। घटना को अंजाम देने गंगाराम ने नरेश सोनकर, योगेश सोनकर उर्फ महाकाल, रोहित सोनकर उर्फ रोहित मोसा को अपने साथ मिला लिया। ये लोग भी खेत में आने जाने के लिए बालाराम परिवार द्वारा रास्ता नहीं दिए जाने से नाराज थे। आरोपियों ने वारदात की शाम बाड़ी के समीप जमकर शराब पी। जिसके बाद देर रात घर में घुसे और दुलारी बाई व कीर्तिन बाई की हत्या कर दी। इसी दौरान बालाराम व रोहित की भी हत्या कर उनके शवों को बाड़ी स्थित पानी की टंकी में छुपा दिया। मौके पर मौजूद भतीजे दुर्गेश का सिर दीवाल पर पटक दिया। जिससे दुर्गेश बैहोश हो गया था। जिसके बाद सभी मौके से भाग गए।