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प्राइवेट हास्पीटल नहीं ले सकेंगे ज्यादा बिल, अब नोडल अधिकारी करेंगे बिल और डिस्चार्ज स्लिप की जांच

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। जिले में कोरोना के इलाज के लिए चिन्हित निजी अस्पतालों में ज्यादा बिल वसूली के शिकायतों के मद्देनजर अब नोडल अधिकारी औचक निरीक्षण करेंगे। इस दौरान अस्पतालों में कोविड मरीजों से लिए जा रहे बिल और डिस्चार्ज स्लिप आदि की जांच करेंगे। बिल और डिस्चार्ज स्लिप में गड़बड़ी पाए जाने पर इसकी रिपोर्ट आला अधिकारियों से की जाएगी और कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी।
शनिवार को अपर कलेक्टर बीबी पंचभाई ने इस संबंध में नोडल अधिकारियों को बैठक लेकर निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा कोरोना के इलाज के लिए शुल्क के संबंध में गाइडलाइन जारी किया गया है। नोडल अधिकारी समय-समय पर औचक निरीक्षण कर यह देखें कि इन गाइडलाइन का पालन इन अस्पतालों द्वारा किया जा रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि वे अस्पताल में इन मरीजों से संबंधित बिल एवं डिस्चार्ज स्लिप आदि देखें। किसी भी मरीज से अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए। अपर कलेक्टर ने कहा कि उदाहरण के लिए कांट्रैस्ट के बगैर सीटी स्कैन का दर 1870 रुपए है और विथ कांट्रैस्ट 2354 रुपए है। नोडल अधिकारी यह देखें कि बिलिंग इसी के अनुरूप हो। नान एनएबीएच मान्यता प्राप्त वाले अस्पतालों में आइसोलेशन बेड की दर 6200 रुपए है इसमें सपोर्टिव केयर, आक्सीजन तथा पीपीई किट शामिल है। नान एनएबीएच में आईसीयू (बिना वेंटीलेटर के, पीपीई किट की सुविधा के साथ) दस हजार रुपए तथा आईसीयू वेंटीलेटर केयर के साथ (इनवेसिव-नान इनवेसिव) पीपीई किट की सुविधा सहित का रेट चैदह हजार रुपए रखा गया है। इसके अनुरूप ही बिलिंग हो। नोडल अधिकारी यह भी देखें कि अस्पताल गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन कर रहे हैं या नहीं।