Indian Railways Expansion Plan: भारतीय रेलवे ने देश में लगातार बढ़ रही यात्रियों की संख्या और ट्रेनों की मांग को देखते हुए एक मेगा विस्तार योजना (Indian Railways Expansion Plan) पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत अगले पांच वर्षों में देश के 48 सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों की क्षमता को दोगुना किया जाएगा।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सतीश कुमार ने इस महत्वाकांक्षी मिशन को लेकर सभी जोन के जनरल मैनेजरों को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं। रेलवे का मानना है कि इस योजना से न केवल ट्रेनों की आवाजाही सुगम होगी, बल्कि यात्रियों को वेटिंग लिस्ट और प्लेटफॉर्म की भीड़ से भी बड़ी राहत मिलेगी।
🔹 स्टेशनों पर बढ़ेगा प्लेटफॉर्म और ट्रैक नेटवर्क
इस Indian Railways Expansion योजना का सबसे अहम हिस्सा मौजूदा स्टेशनों का भौतिक विस्तार है। इसके अंतर्गत—
- पुराने टर्मिनलों पर नए प्लेटफॉर्म बनाए जाएंगे
- स्टेब्लिंग लाइनें (ट्रेन खड़ी करने की जगह) बढ़ाई जाएंगी
- पिट लाइनें (कोच की सफाई और रखरखाव के लिए) विकसित होंगी
- शंटिंग सिस्टम को तेज और आधुनिक बनाया जाएगा
इससे ट्रेनों को प्लेटफॉर्म पर लाने और ले जाने में लगने वाला समय कम होगा और परिचालन अधिक सुचारु बन सकेगा।
🔹 बड़े शहरों के बाहर बनेंगे नए टर्मिनल
रेलवे अब सिर्फ पुराने स्टेशनों पर निर्भर नहीं रहेगा। शहरी इलाकों के आसपास नए टर्मिनल स्टेशन विकसित किए जाएंगे ताकि मुख्य स्टेशनों पर दबाव कम हो सके।
इसके साथ ही, मेगा कोचिंग कॉम्प्लेक्स बनाए जाएंगे, जहां ट्रेनों के रखरखाव की अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
रेलवे सिग्नलिंग सिस्टम को भी अपग्रेड किया जाएगा और कई रूट्स पर नई रेल पटरियां जोड़ी जाएंगी।
🔹 इन 48 शहरों की बदलेगी रेलवे की तस्वीर
इस योजना में देश के प्रमुख महानगर और व्यावसायिक केंद्र शामिल हैं, जिनमें—
- दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई
- पटना, लखनऊ, बेंगलुरु, हैदराबाद
- जयपुर, भोपाल, वाराणसी, आगरा, गुवाहाटी
- अमृतसर, लुधियाना, सूरत, वडोदरा, विशाखापत्तनम
जैसे शहरों के रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प किया जाएगा। इससे न केवल यात्री सुविधाएं बढ़ेंगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।
🔹 पुणे मॉडल से होगा संतुलित विकास
रेलवे बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि विस्तार का बोझ किसी एक स्टेशन पर नहीं डाला जाएगा। इसके लिए ‘बैलेंस्ड कैपेसिटी डेवलपमेंट’ मॉडल अपनाया जाएगा।
उदाहरण के तौर पर, पुणे में केवल मुख्य स्टेशन ही नहीं, बल्कि हडपसर, खडकी और आलंदी जैसे आसपास के स्टेशनों को भी विकसित किया जाएगा। इससे ट्रैफिक का दबाव बराबर बंटेगा और यात्रियों को बेहतर अनुभव मिलेगा।
🔹 तीन चरणों में लागू होगा प्लान, लक्ष्य 2030
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सतीश कुमार ने बताया कि यह योजना 2030 तक पूरी करने का लक्ष्य लेकर बनाई गई है।
काम को तीन चरणों में बांटा गया है—
- तत्काल कार्य (Immediate Works)
- शॉर्ट टर्म प्रोजेक्ट्स
- लॉन्ग टर्म डेवलपमेंट
इस रणनीति से यात्रियों को सुधार का लाभ जल्द और चरणबद्ध तरीके से मिलना शुरू हो जाएगा।
✨ यात्रियों के लिए क्या बदलेगा?
इस Indian Railways Expansion Plan के पूरा होने के बाद—
- वेटिंग टिकट की समस्या कम होगी
- प्लेटफॉर्म पर भीड़ घटेगी
- ट्रेनों की समयपालन क्षमता बढ़ेगी
- सफर अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बनेगा
यह योजना भारतीय रेलवे को भविष्य की जरूरतों के अनुरूप मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
