EPFO EDLI new rules: नौकरी बदलते समय अक्सर कर्मचारियों को यह चिंता सताती है कि कहीं बीच की छुट्टियां उनकी सेवा में ब्रेक न मानी जाएं। अब इस चिंता को खत्म करते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने एक अहम सर्कुलर जारी किया है।
EPFO ने साफ कर दिया है कि शनिवार, रविवार, राष्ट्रीय अवकाश, गजेटेड और राज्य स्तरीय छुट्टियां — यदि दो नौकरियों के बीच आती हैं — तो उन्हें सेवा में ब्रेक नहीं माना जाएगा।
🔹 EPFO EDLI योजना में बड़ा बदलाव
EPFO के ताजा सर्कुलर के अनुसार:
- EDLI (Employees’ Deposit Linked Insurance) योजना के तहत
- यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु 12 महीने की निरंतर सेवा पूरी होने से पहले हो जाती है
- और उसका औसत PF बैलेंस ₹50,000 से कम है
तो अब उसके परिवार या कानूनी उत्तराधिकारियों को न्यूनतम ₹50,000 की बीमा राशि मिलेगी।
पहले यह राशि इससे कम थी, जिससे कई परिवारों को नुकसान उठाना पड़ता था।
🔹 छुट्टियों को लेकर क्या कहा EPFO ने?
EPFO ने अपने सर्कुलर में स्पष्ट किया है कि:
यदि एक नौकरी से निकलने और दूसरी नौकरी जॉइन करने के बीच
केवल शनिवार, रविवार या घोषित छुट्टियां आती हैं,
तो यह अवधि निरंतर सेवा (Continuous Service) मानी जाएगी।
इसका मतलब यह है कि:
- छुट्टियों के कारण EDLI बीमा दावा अब खारिज नहीं किया जाएगा
- न ही बीमा राशि घटाई जाएगी
🔹 60 दिन तक का गैप भी माना जाएगा निरंतर सेवा
EPFO ने एक और महत्वपूर्ण राहत देते हुए कहा है कि:
- यदि कोई कर्मचारी
- EPF के दायरे में आने वाले दो संस्थानों में काम करता है
- और दोनों के बीच अधिकतम 60 दिन का अंतर है
तो इस अवधि को नजरअंदाज किया जाएगा, और पूरी सेवा को निरंतर माना जाएगा।
🔹 क्यों जरूरी था यह फैसला?
EPFO के अनुसार, कई मामलों में:
- शनिवार-रविवार को भी ब्रेक मान लिया जाता था
- इससे EDLI क्लेम रद्द या कम राशि में निपटाए जाते थे
- जबकि कर्मचारी ने वास्तव में 12 महीने से ज्यादा काम किया होता था
इस नई व्यवस्था का उद्देश्य ऐसी तकनीकी विसंगतियों को खत्म करना है, ताकि कर्मचारियों के परिवारों को उनका हक समय पर मिल सके।
🔹 कर्मचारियों और परिवारों के लिए क्या बदला?
✔ नौकरी बदलने पर छुट्टियों का डर खत्म
✔ बीमा क्लेम में पारदर्शिता
✔ कानूनी उत्तराधिकारियों को आर्थिक सुरक्षा
✔ EPFO नियमों की मानवीय व्याख्या
✨ निष्कर्ष
EPFO का यह फैसला लाखों कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। अब तकनीकी कारणों से न तो बीमा क्लेम रुकेगा और न ही छुट्टियों के कारण सेवा अवधि पर सवाल उठेगा।
यह बदलाव न सिर्फ नियमों को सरल बनाता है, बल्कि कर्मचारियों के भरोसे को भी मजबूत करता है।
