पटना।
hijab controversy Bihar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़े हिजाब विवाद के बाद चर्चा में आईं आयुष डॉक्टर नुसरत परवीन अब तक अपनी ड्यूटी पर नहीं लौटी हैं। शनिवार देर शाम तक उनके जॉइन न करने की आधिकारिक पुष्टि प्रशासन ने की है।
पटना के सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि नुसरत परवीन शाम 7 बजे तक ड्यूटी पर नहीं पहुंचीं। इसके बाद उस दिन के लिए जॉइनिंग की संभावना समाप्त हो गई।
हालांकि, प्रशासन ने इस मामले में जॉइनिंग की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। सिविल सर्जन के अनुसार, अब यह देखना होगा कि डॉक्टर परवीन सोमवार को ड्यूटी जॉइन करती हैं या नहीं।
कार्यक्रम के दौरान शुरू हुआ था विवाद
यह पूरा मामला उस वक्त सामने आया, जब पटना स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय में नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम चल रहा था। उसी दौरान आयुष डॉक्टर नुसरत परवीन जब मंच पर नियुक्ति पत्र लेने पहुंचीं, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके नकाब (हिजाब) को लेकर सवाल किया।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और देखते ही देखते यह हिजाब विवाद बिहार की बड़ी राजनीतिक और सामाजिक बहस बन गया।
न डॉक्टर से संपर्क, न परिवार से बातचीत
सिविल सर्जन कार्यालय के अनुसार, न तो डॉक्टर नुसरत परवीन और न ही उनके परिवार से अब तक कोई संपर्क हो सका है।
सबलपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) के सर्जन विजय कुमार ने भी पुष्टि की कि डॉक्टर परवीन अब तक वहां ड्यूटी पर नहीं पहुंची हैं।
उन्होंने बताया कि शनिवार को पांच-छह अन्य डॉक्टरों ने जॉइन किया, लेकिन नुसरत परवीन उनमें शामिल नहीं थीं। नियमों के अनुसार, पहले सिविल सर्जन कार्यालय में रिपोर्ट करना अनिवार्य होता है।
राज्यपाल ने जताई नाराजगी
इस पूरे घटनाक्रम पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा,
“यह सुनकर दुख होता है कि इसे विवाद कहा जा रहा है। क्या पिता और बेटी के बीच भी कोई विवाद हो सकता है?”
राज्यपाल ने साफ शब्दों में कहा कि नीतीश कुमार महिला छात्रों को अपनी बेटियों की तरह मानते हैं और इस मुद्दे को अनावश्यक रूप से तूल दिया गया।
परिवार मीडिया से दूरी बनाए हुए
सरकारी तिब्बी कॉलेज एवं अस्पताल (GTCH) के प्राचार्य महफूजुर रहमान ने बताया कि नुसरत परवीन फिलहाल दूसरे वर्ष की छात्रा हैं।
उन्होंने कहा कि यह एक “विशेष मामला” है, इसलिए जॉइनिंग की तारीख बढ़ाई गई है।
प्राचार्य के अनुसार,
- परिवार मीडिया कवरेज से बचना चाहता है
- कोलकाता शिफ्ट होने की खबरें गलत हैं
- परिवार सरकार या मुख्यमंत्री से नाराज नहीं है
- विवाद से परिवार आहत जरूर है, लेकिन शांत रहना चाहता है
नुसरत परवीन ने आखिरी बार 17 या 18 दिसंबर को कॉलेज अटेंड किया था। उनके पास अब भी दो विकल्प खुले हैं—या तो वे ड्यूटी जॉइन करें या फिर उच्च शिक्षा की राह चुनें।
हिजाब विवाद बिहार अब केवल एक प्रशासनिक मामला नहीं रह गया है, बल्कि यह संवेदनशीलता, निजी सम्मान और सार्वजनिक विमर्श का विषय बन चुका है।
डॉक्टर नुसरत परवीन का अगला कदम न केवल उनके भविष्य को तय करेगा, बल्कि इस पूरे विवाद की दिशा भी तय कर सकता है।
