🌾 बस्तर की बेटियों ने बदली खेती की तस्वीर
Chhattisgarh Women Farmers आज केवल खेतों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे नवाचार, आत्मनिर्भरता और उद्यमिता की नई मिसाल बन रही हैं। छत्तीसगढ़ के सुदूर वनांचल बस्तर जिले की दो महिला किसानों ने यह साबित कर दिया है कि यदि हौसले बुलंद हों, तो सीमाएं खुद टूट जाती हैं।
🏆 नई दिल्ली में मिला राष्ट्रीय सम्मान
देश की राजधानी नई दिल्ली के पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) में आयोजित भव्य समारोह में—
- छिंदगांव की सुमनी कश्यप
- करीतगांव की नेत्री बाई कश्यप
को प्रतिष्ठित ‘मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया–2025’ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
यह सम्मान कृषि जागरण द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कार्यक्रम में प्रदान किया गया, जहां पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी और ICAR के महानिदेशक डॉ. मांगी लाल जाट ने दोनों महिला किसानों को सम्मानित किया।
🌱 बिहान योजना से आत्मनिर्भरता तक का सफर
दोनों महिला किसान बिहान योजना के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं। उन्होंने—
- आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाया
- संसाधनों का बेहतर प्रबंधन किया
- खेती को व्यवसाय के रूप में विकसित किया
इसके परिणामस्वरूप खेती उनके लिए केवल आजीविका नहीं, बल्कि आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम बन गई।
🚜 कठिन हालात, लेकिन मजबूत इरादे
बस्तर जैसे क्षेत्र में, जहां—
- पलायन बड़ी चुनौती है
- संसाधन सीमित हैं
- बाजार तक पहुंच आसान नहीं
वहीं इन महिला किसानों ने गांव में रहकर आगे बढ़ने का रास्ता चुना। उनकी सफलता बताती है कि स्थानीय स्तर पर अवसर पैदा कर भी बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है।
📊 आधुनिक खेती और मार्केटिंग की समझ
कार्यक्रम के दौरान सुमनी कश्यप और नेत्री बाई कश्यप ने—
- कृषि स्टार्टअप
- आधुनिक खेती
- मार्केटिंग रणनीतियों
- वैश्विक कृषि बदलाव
से जुड़े सत्रों में भी भाग लिया। इससे उनका अनुभव और दृष्टिकोण और मजबूत हुआ।
🌍 महिला सशक्तिकरण की प्रेरक कहानी
Chhattisgarh Women Farmers की यह उपलब्धि केवल दो व्यक्तियों की सफलता नहीं है, बल्कि—
- बस्तर क्षेत्र की महिलाओं के लिए प्रेरणा
- युवाओं के लिए संदेश
- महिला सशक्तिकरण की मजबूत मिसाल
है। गांव की महिलाएं भी अब बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने का साहस जुटा रही हैं।
बस्तर की इन महिला किसानों को मिला ‘मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया–2025’ सम्मान यह साबित करता है कि छत्तीसगढ़ की महिलाएं मेहनत, नवाचार और आत्मविश्वास के बल पर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रही हैं।
यह उपलब्धि न केवल प्रदेश का मान बढ़ाती है, बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा की रोशनी भी है।
