Santosh Gupta Golden Quadrilateral Cycling: रायपुर से निकली एक साधारण सोच आज राष्ट्रीय प्रेरणा बन चुकी है।
छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के एक सरकारी प्राथमिक स्कूल शिक्षक संतोष गुप्ता ने भारत के सबसे प्रतिष्ठित हाईवे नेटवर्क—गोल्डन क्वाड्रिलेटर—को सामाजिक जागरूकता का मंच बना दिया।
करीब 6,000 किलोमीटर की साइकिल यात्रा, वो भी बिना किसी टीम या बड़े संसाधन के—यह सफर सिर्फ दूरी का नहीं, बल्कि सोच बदलने का अभियान था।
👨🏫 कक्षा से हाईवे तक: शिक्षक की अनोखी यात्रा
43 वर्षीय संतोष गुप्ता, वर्ष 2011 से मुंगेली जिले के सुल्फा गांव के सरकारी प्राथमिक स्कूल में पदस्थ हैं।
कक्षा में वे बच्चों को विज्ञान और सामाजिक अध्ययन पढ़ाते हैं, लेकिन सड़क पर उनके सबक होते हैं—
- स्वच्छ हवा
- नशामुक्त जीवन
- बेहतर सार्वजनिक स्वास्थ्य
- सड़क सुरक्षा और अनुशासन
हेलमेट पहने, साइकिल के हैंडल पर तिरंगा लगाए गुप्ता आज देशभर के हाईवे पर एक पहचानी जाने वाली छवि बन चुके हैं।
🛣️ गोल्डन क्वाड्रिलेटर: 6,000 KM का कठिन सफर
Santosh Gupta Golden Quadrilateral Cycling अभियान के तहत उन्होंने—
- दिल्ली
- मुंबई
- चेन्नई
- कोलकाता
को जोड़ने वाले लगभग 6,000 KM लंबे हाईवे नेटवर्क को सिर्फ 24 दिनों से थोड़े अधिक समय में पूरा किया।
यह सफर आसान नहीं था।
कभी भीषण गर्मी, कभी भारी ट्रैफिक, तो कभी सुनसान रातें—जहां सूरज ढलने के बाद ट्रक ही उनके साथी होते थे।
💪 बिना सपोर्ट, सिर्फ संकल्प के सहारे
यह कोई प्रोफेशनल साइक्लिंग इवेंट नहीं था।
गुप्ता का सफर पूरी तरह Self-Supported था—
- साइकिल पर ही जरूरी सामान
- ढाबों और पेट्रोल पंपों पर विश्राम
- छोटे होटलों में भोजन और पानी
हर रुकाव एक जनसंवाद मंच बन जाता।
ट्रक ड्राइवर, मजदूर, पुलिसकर्मी और बच्चे—सब उनके आसपास जुटते और वे प्रदूषण, नशाखोरी और साइकिल के फायदों पर खुलकर बात करते।

🌱 2021 में लिया संकल्प, 2025 में रचा रिकॉर्ड
संतोष गुप्ता बताते हैं—
“बढ़ते प्रदूषण, लाइफस्टाइल बीमारियों और सड़क दुर्घटनाओं को देखकर मैंने 2021 में तय किया कि साइकिल को अपने जीवन का हिस्सा बनाऊंगा और इसे जागरूकता का माध्यम बनाऊंगा।”
इससे पहले, वर्ष 2024 में उन्होंने जम्मू से लेह-लद्दाख तक साइकिल चलाई थी।
उन्होंने दुनिया के सबसे ऊंचे मोटरेबल पास खारदुंग ला तक पहुंचकर “Save Nature” और “Drug Free India” का संदेश दिया।
🏆 Guinness World Record की ओर कदम
वर्ष 2025 में गुप्ता ने गोल्डन क्वाड्रिलेटर को 27 दिनों के पुराने रिकॉर्ड से भी कम समय (24+ दिन) में पूरा कर—
👉 Guinness World Record स्थापित किया।
यह उपलब्धि साबित करती है कि बड़े बदलाव के लिए सत्ता नहीं, संकल्प चाहिए।
Santosh Gupta Golden Quadrilateral Cycling सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि एक संदेश है—
कि एक आम नागरिक भी असाधारण बदलाव ला सकता है।
आज जब प्रदूषण, नशा और अस्वस्थ जीवनशैली बड़ी चुनौतियां हैं, तब संतोष गुप्ता जैसे लोग उम्मीद की साइकिल चलाते नजर आते हैं।
