बिलासपुर, 18 दिसंबर 2025।
CG News: छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग ने उपभोक्ता अधिकारों को मजबूती देते हुए एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। आयोग ने कार दुर्घटना के दौरान एयरबैग नहीं खुलने को गंभीर विनिर्माण दोष मानते हुए एक कार निर्माता कंपनी को 61 लाख 36 हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है।
यह मामला कोरबा जिले के सीतामढ़ी निवासी सुमित अग्रवाल से जुड़ा है, जिन्होंने अपने भाई की सुरक्षा के लिए खरीदी गई महंगी कार में तकनीकी खामी को लेकर उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया था।
🚗 कैसे हुआ हादसा
मामले के अनुसार, 23 अप्रैल 2023 को कोरबा निवासी व्यापारी अमित अग्रवाल, रायपुर से अपने भाई सुमित अग्रवाल की इनोवा कार से कोरबा लौट रहे थे।
जब कार ग्राम तरदा के पास पहुंची, तो सामने से आ रहे वाहन को बचाने के प्रयास में कार अनियंत्रित होकर पलट गई और पेड़ से जा टकराई।
इस भीषण सड़क दुर्घटना में अमित अग्रवाल को गंभीर चोटें आईं और उनका इलाज रायपुर तथा हैदराबाद के अस्पतालों में कराया गया, जिस पर लाखों रुपये खर्च हुए।
⚠️ दुर्घटना में नहीं खुला एक भी एयरबैग
हैरानी की बात यह रही कि इतनी गंभीर टक्कर के बावजूद कार का एक भी एयरबैग नहीं खुला।
इसी कारण अमित अग्रवाल को गंभीर शारीरिक नुकसान उठाना पड़ा।
इसी आधार पर उनके भाई सुमित अग्रवाल ने Car Airbag Failure Case को लेकर कार निर्माता कंपनी के खिलाफ जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कराई।
⚖️ जिला आयोग का एकपक्षीय आदेश
कार कंपनी के सुनवाई में उपस्थित नहीं होने पर जिला उपभोक्ता आयोग ने एकपक्षीय कार्रवाई करते हुए—
- नया वाहन या समतुल्य राशि
- इलाज में खर्च हुए 36.53 लाख रुपये
देने का आदेश पारित किया।
🏛️ राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील
कार कंपनी ने जिला आयोग के आदेश के खिलाफ छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग, बिलासपुर में अपील दायर की।
अपील में कंपनी की ओर से तर्क दिया गया कि—
- इंश्योरेंस कंपनी ने 12 लाख रुपये रिपेयरिंग के लिए दिए
- एयरबैग न खुलने पर कोई विशेषज्ञ रिपोर्ट नहीं ली गई
- सुमित अग्रवाल ने दुर्घटना स्वयं नहीं देखी
🧑⚖️ आयोग ने कंपनी के तर्क खारिज किए
सुमित अग्रवाल की ओर से अधिवक्ता नूतन सिंह ठाकुर ने मजबूती से पक्ष रखा।
राज्य उपभोक्ता आयोग ने सर्वेयर रिपोर्ट, कार की स्थिति और घायल अमित अग्रवाल को हुई क्षति के आधार पर कार कंपनी के सभी तर्कों को खारिज कर दिया।
आयोग ने स्पष्ट कहा कि—
“गंभीर दुर्घटना के बावजूद एक भी एयरबैग न खुलना, वाहन में विनिर्माण दोष को प्रमाणित करता है।”
💰 61.36 लाख रुपये मुआवजे का आदेश
राज्य उपभोक्ता आयोग ने अपने अंतिम फैसले में कहा कि—
- परिवादी ने सुरक्षा के लिए महंगी कार खरीदी थी
- लेकिन आवश्यकता के समय एयरबैग सिस्टम ने काम नहीं किया
इसी आधार पर आयोग ने कार कंपनी को कुल 61 लाख 36 हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया।
🔍 उपभोक्ताओं के लिए अहम संदेश
यह फैसला न केवल पीड़ित परिवार के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि महंगी गाड़ियों की सुरक्षा व्यवस्था और उपभोक्ता अधिकारों को लेकर एक मजबूत मिसाल भी बन गया है।
आयोग के इस निर्णय से ऑटोमोबाइल कंपनियों की जवाबदेही और गुणवत्ता नियंत्रण पर भी सवाल खड़े हुए हैं।
