रायपुर, 18 दिसंबर 2025।
छत्तीसगढ़ में PM Awas Yojana के क्रियान्वयन को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। विधानसभा में प्रस्तुत कैग (CAG) रिपोर्ट ने प्रधानमंत्री आवास योजना की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मार्च 2023 तक की अवधि के लिए तैयार इस रिपोर्ट में कई जिलों में नियमों की खुलेआम अनदेखी और वित्तीय अनियमितताओं का उल्लेख किया गया है।
🏘️ अपात्रों को मिला योजना का लाभ
कैग रिपोर्ट के अनुसार रायपुर, बिलासपुर, कोरबा और प्रेम नगर जैसे शहरी क्षेत्रों में PM Awas Yojana के तहत नियमों के विपरीत आवास आवंटित किए गए।
रिपोर्ट में सामने आया कि—
- 71 ऐसे हितग्राही पाए गए, जिनकी वार्षिक आय 3 लाख रुपये से अधिक थी
- इसके बावजूद उन्हें योजना का लाभ दिया गया
यह स्थिति योजना के मूल उद्देश्य—गरीब और जरूरतमंद परिवारों को आवास—पर सवाल खड़े करती है।
🧾 बिना जमीन के जारी हो गए करोड़ों
रिपोर्ट में एक और चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है।
करीब 250 हितग्राहियों के नाम पर जमीन ही दर्ज नहीं थी, फिर भी उन्हें योजना के तहत लगभग 4.5 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया।
इससे साफ होता है कि PM Awas Yojana की जमीनी जांच और दस्तावेज़ सत्यापन में भारी लापरवाही बरती गई।
🔁 कई हितग्राहियों को दोहरा लाभ
योजना के क्रियान्वयन में विभागीय समन्वय की कमी भी उजागर हुई है।
कैग रिपोर्ट के अनुसार—
- 99 हितग्राहियों ने प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना और प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना—दोनों का लाभ ले लिया
- वहीं 35 ऐसे हितग्राही भी पाए गए, जिन्हें पहले ही आवास मिल चुका था, फिर भी उन्हें दोबारा मकान स्वीकृत कर दिया गया
यह स्थिति सरकारी धन के दुरुपयोग की ओर इशारा करती है।
💰 230 करोड़ रुपये का फंड हुआ ब्लॉक
कैग रिपोर्ट में बताया गया है कि शहरी निकायों द्वारा समय पर मकानों का निर्माण नहीं किए जाने के कारण करीब 230 करोड़ रुपये का फंड लंबे समय तक ब्लॉक रहा।
इसका सीधा असर उन जरूरतमंद परिवारों पर पड़ा, जिन्हें समय पर आवास मिलना था।
👩 महिलाओं के नाम पर कम आवास
योजना के तहत अधिक से अधिक मकान महिलाओं के नाम पर स्वीकृत करने का प्रावधान है।
लेकिन रिपोर्ट के अनुसार—
- केवल 50 प्रतिशत आवास ही महिलाओं के नाम पर स्वीकृत किए गए
यह भी योजना के दिशा-निर्देशों से स्पष्ट विचलन को दर्शाता है।
📸 निगरानी व्यवस्था में भी खामियां
PM Awas Yojana की निगरानी में भी गंभीर गड़बड़ियां सामने आई हैं।
कैग रिपोर्ट में—
- गलत जियो टैगिंग
- दूसरे मकानों की तस्वीरों के इस्तेमाल
जैसे मामलों का उल्लेख किया गया है। इससे योजना की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
⚖️ योजना पर उठे गंभीर सवाल
कैग रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद छत्तीसगढ़ में PM Awas Yojana के क्रियान्वयन को लेकर राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है।
अब सवाल यह है कि—
- जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्रवाई होगी?
- और भविष्य में ऐसी अनियमितताओं को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाएंगे?
आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर सरकार की प्रतिक्रिया और कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।
