सुकमा।
CG Naxal News: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे सुरक्षा बलों के अभियान ने एक बार फिर बड़ा असर दिखाया है। गुरुवार तड़के सुकमा जिले में हुई मुठभेड़ में एक महिला समेत 3 माओवादी मारे गए। यह कार्रवाई CG Naxal News के तहत राज्य में जारी सबसे अहम ऑपरेशनों में से एक मानी जा रही है।
🔫 तेलंगाना सीमा के पास जंगल में मुठभेड़
जानकारी के मुताबिक, सुकमा मुख्यालय से लगभग 150 किलोमीटर दूर, तेलंगाना सीमा की ओर गोलापल्ली थाना क्षेत्र के घने जंगलों में तड़के करीब सुबह 5 बजे मुठभेड़ शुरू हुई।
यह मुठभेड़ जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और माओवादियों के बीच हुई।
सुरक्षा बलों ने मौके से—
- 3 माओवादियों के शव
- हथियार और अन्य सामग्री
बरामद की है।
🧾 किस्टाराम एरिया कमेटी के थे मारे गए माओवादी
मारे गए तीनों माओवादियों की पहचान कर ली गई है। सभी किस्टाराम क्षेत्र समिति से जुड़े थे—
- माड़वी जोगा उर्फ मुन्ना
- सोढ़ी बंडी (ACM, किस्टाराम)
- महिला माओवादी नुप्पो बजनी
सूत्रों के अनुसार, मुठभेड़ के दौरान कुछ अन्य माओवादी घायल होकर जंगल में भाग निकले हैं।
🚨 पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी
मुठभेड़ के बाद DRG और CRPF की संयुक्त टीम ने पूरे क्षेत्र में सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि घायल माओवादी आसपास के जंगलों में छिपे हो सकते हैं। इसलिए सभी यूनिट्स को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
📊 छत्तीसगढ़ में 2 साल में 500 माओवादी ढेर
Indian Express की रिपोर्ट के अनुसार—
- पिछले 2 वर्षों में छत्तीसगढ़ में 500 माओवादी मारे गए
- वर्ष 2025 में अब तक 284 माओवादी ढेर, जिनमें 255 बस्तर क्षेत्र में
- वर्ष 2024 में 219 माओवादी मारे गए, जिनमें 217 बस्तर में
यह आंकड़े बताते हैं कि CG Naxal News में लगातार सुरक्षा बलों की बढ़त देखने को मिल रही है।
🎯 मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का लक्ष्य
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश से नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए मार्च 2026 की समय-सीमा तय की है।
इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़, विशेषकर बस्तर संभाग, में अभियान तेज कर दिया गया है।
🔻 माओवादी नेतृत्व को लगातार झटके
इस अभियान से प्रतिबंधित CPI (माओवादी) संगठन को बड़ा नुकसान पहुंचा है—
- पार्टी महासचिव नंबाला केशवा राव उर्फ बसवराजू मारा गया
- कुख्यात माओवादी माड़वी हिडमा समेत 9 केंद्रीय समिति सदस्य ढेर
- बचे 3 CC सदस्य गणेश उइके, संग्राम और तूफान लापता
- पोलित ब्यूरो सदस्य वेणुगोपाल राव और चंद्रन्ना कर चुके हैं आत्मसमर्पण
सुकमा की यह मुठभेड़ साफ दिखाती है कि छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियान निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। लगातार कमजोर पड़ता माओवादी संगठन और मजबूत होती सुरक्षा रणनीति आने वाले समय में बस्तर में शांति की उम्मीद को और पुख्ता करती है।
