छत्तीसगढ़ में निजी कर्मचारियों को बड़ी राहत: अब 9 घंटे से ज्यादा काम नहीं, ओवरटाइम का मिलेगा पूरा भुगतान

रायपुर।

employees working hours law: छत्तीसगढ़ में निजी क्षेत्र और दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। अब कोई भी नियोक्ता अपनी मर्जी से कर्मचारियों से लंबे समय तक काम नहीं करवा सकेगा। राज्य विधानसभा ने छत्तीसगढ़ दुकान एवं स्थापना अधिनियम में अहम संशोधन को मंजूरी दे दी है।

यह फैसला सीधे तौर पर Chhattisgarh private employees working hours law को मजबूत बनाता है और हजारों कर्मचारियों के अधिकारों को सुरक्षा देता है।


अब तय होंगे काम के घंटे

नए संशोधन के तहत—

  • किसी भी कर्मचारी से एक दिन में अधिकतम 9 घंटे
  • और सप्ताह में 48 घंटे से ज्यादा काम नहीं लिया जा सकेगा

यदि तय सीमा से अधिक काम कराया जाता है, तो नियोक्ता को अनिवार्य रूप से ओवरटाइम भुगतान करना होगा। यह नियम उन सभी दुकानों और निजी संस्थानों पर लागू होगा, जहां 10 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।


🏢 एक शिफ्ट की अधिकतम सीमा भी तय

संशोधित कानून के अनुसार—

  • विश्राम अवधि को मिलाकर भी एक शिफ्ट साढ़े 10 घंटे से ज्यादा नहीं होगी
  • किसी आपात या विशेष परिस्थिति में भी कर्मचारी की ड्यूटी 12 घंटे से आगे नहीं बढ़ाई जा सकेगी

इससे कर्मचारियों को लगातार लंबे समय तक काम कराने की मनमानी पर रोक लगेगी।


👩‍💼 महिला कर्मचारियों की सुरक्षा पर खास जोर

संशोधन में महिला कर्मचारियों के अधिकारों को भी मजबूती दी गई है।
अब महिलाएं—

  • रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक काम कर सकेंगी
  • लेकिन इसके लिए नियोक्ता को
    • सुरक्षित कार्यस्थल
    • सुरक्षित परिवहन
    • आवश्यक सुरक्षा सुविधाएं
      देना अनिवार्य होगा

इन शर्तों के बिना महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम पर नहीं बुलाया जा सकेगा।


📜 विधानसभा में कैसे पास हुआ कानून

श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने यह संशोधन विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत किया। सदन में चर्चा के बाद इसे पारित कर दिया गया। सरकार का कहना है कि यह बदलाव कर्मचारियों के शोषण को रोकने और काम के बेहतर माहौल के लिए जरूरी था।


🤝 कर्मचारियों के लिए क्यों है यह फैसला अहम

अब तक निजी दुकानों, शोरूम्स और संस्थानों में कर्मचारियों से अक्सर 10 से 12 घंटे तक काम कराया जाता था, लेकिन अतिरिक्त मेहनत का कोई भुगतान नहीं मिलता था।
नया कानून लागू होने से—

  • कर्मचारियों को तय समय से ज्यादा काम पर उचित पारिश्रमिक मिलेगा
  • कार्य-जीवन संतुलन बेहतर होगा
  • निजी क्षेत्र में श्रम अधिकार मजबूत होंगे

छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम निजी क्षेत्र में काम करने वाले हजारों कर्मचारियों के लिए बड़ा और ऐतिहासिक बदलाव माना जा रहा है।
यह कानून न सिर्फ काम के घंटे तय करता है, बल्कि सम्मानजनक और सुरक्षित कार्य वातावरण की दिशा में भी मजबूत पहल है।

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