✍️ दुर्ग | महिला एवं बाल विकास डेस्क
Beti Bachao Beti Padhao campaign Durg: महिलाओं और बालिकाओं के अधिकारों को मजबूत करने की दिशा में दुर्ग जिले में एक अहम पहल की गई।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला दुर्ग द्वारा लिंग आधारित हिंसा के विरुद्ध 16 दिवसीय सक्रियता अभियान का आयोजन किया गया।
यह अभियान 25 नवंबर 2025 (महिलाओं के विरुद्ध हिंसा उन्मूलन दिवस) से लेकर 10 दिसंबर 2025 (मानव अधिकार दिवस) तक चला।
🌸 अभियान का उद्देश्य: जागरूकता और सशक्तिकरण
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य था—
- महिलाओं और बालिकाओं को उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी देना
- घरेलू और सामाजिक हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने के लिए सशक्त बनाना
- बच्चों में सुरक्षित व्यवहार की समझ विकसित करना
🏫 स्कूल, कॉलेज और पंचायत स्तर पर पहुंचे कार्यक्रम
महिला सशक्तिकरण केंद्र (Hub) के माध्यम से जिले में व्यापक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।
👉 अभियान के अंतर्गत:
- 6 विद्यालयों
- 2 महाविद्यालयों
- सामुदायिक भवनों और पंचायत स्तर
पर कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इनमें प्रमुख रूप से—
- शासकीय पूरणचंद कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय, तर्रा
- तुलाराम आर्य कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल, दुर्ग
- रानी लक्ष्मीबाई हायर सेकेंडरी स्कूल, दीपक नगर
शामिल रहे।
🚨 घरेलू हिंसा की व्यापक परिभाषा समझाई गई
कार्यक्रमों में प्रतिभागियों को बताया गया कि घरेलू हिंसा केवल मारपीट तक सीमित नहीं होती।
इसमें शामिल हैं—
- शारीरिक हिंसा: चोट या जान का खतरा
- यौन हिंसा: बिना सहमति यौन संबंध, वैवाहिक बलात्कार
- मानसिक और भावनात्मक हिंसा
- आर्थिक हिंसा
साथ ही घरेलू हिंसा के मानसिक दुष्प्रभाव जैसे—
- चिंता
- अवसाद
- पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD)
- आत्महत्या का जोखिम
पर भी विस्तार से चर्चा की गई।
☎️ मदद के लिए हेल्पलाइन और पोर्टल की जानकारी
महिलाओं को जरूरत पड़ने पर महिला हेल्पलाइन नंबर 181 पर संपर्क करने के लिए प्रेरित किया गया।
इसके अलावा—
- शी-बॉक्स पोर्टल: कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की ऑनलाइन शिकायत
- वन स्टॉप सेंटर, शक्ति सदन, सखी निवास
- 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन
- 1930 साइबर हेल्पलाइन
की जानकारी भी दी गई।
🎈 बच्चों को सिखाया गया ‘गुड टच – बैड टच’
अभियान के दौरान छोटे बच्चों को खेल-खेल में गुड टच और बैड टच की जानकारी दी गई।
👉 बच्चों को यह सिखाया गया कि:
- किसी भी असहज स्पर्श पर “ना” कहना जरूरी है
- डर लगने पर तुरंत माता-पिता या शिक्षक को बताएं
📜 कानूनों की जानकारी और शपथ
कार्यक्रमों में इन कानूनों पर भी जागरूकता दी गई—
- बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006
- भारतीय न्याय संहिता 2023
- भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023
अभियान के अंत में बाल विवाह मुक्त भारत/छत्तीसगढ़ अभियान के तहत स्कूलों और कॉलेजों में बाल विवाह रोकथाम की शपथ दिलाई गई।
🤝 समाज को मजबूत बनाने की पहल
यह अभियान सिर्फ जागरूकता तक सीमित नहीं रहा, बल्कि महिलाओं और बच्चों में आत्मविश्वास, सुरक्षा और अधिकारों की समझ पैदा करने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हुआ।
