✍️ नई दिल्ली | पर्यावरण डेस्क
NCR old vehicles Supreme Court: NCR में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम और सख्त फैसला सुनाया। अदालत ने 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को लेकर पहले दी गई राहत को आंशिक रूप से वापस ले लिया है।
अब BS-III और उससे नीचे के मानकों वाली गाड़ियाँ दिल्ली-NCR की सड़कों पर बिना कार्रवाई के नहीं चल सकेंगी।
⚖️ सुप्रीम कोर्ट ने क्यों बदला पुराना आदेश?
दरअसल, 12 अगस्त 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने पुराने वाहनों के खिलाफ किसी भी तरह की जबरदस्ती कार्रवाई (coercive action) पर रोक लगाई थी।
लेकिन Commission for Air Quality Management (CAQM) ने अदालत को बताया कि इस आदेश के बाद सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियाँ फिर सड़कों पर लौट आईं, जिससे NCR की हवा और जहरीली हो गई।
👉 इसी सिफारिश के आधार पर कोर्ट ने अब आदेश में संशोधन किया है।
👨⚖️ कोर्ट का साफ निर्देश
मुख्य न्यायाधीश सूर्या कांत, जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस विपुल एम. पंचोली की पीठ ने कहा:
“BS-IV और उससे नए उत्सर्जन मानकों वाले वाहनों के खिलाफ सिर्फ उम्र के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं होगी, लेकिन BS-III और उससे नीचे की गाड़ियों पर यह राहत लागू नहीं होगी।”
🌫️ क्यों सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं BS-III से नीचे की गाड़ियाँ?
CAQM के अनुसार:
- BS-III गाड़ियाँ – 15 साल से ज्यादा पुरानी
- BS-II गाड़ियाँ – 20 साल से ज्यादा पुरानी
- BS-I गाड़ियाँ – 24 साल से भी ज्यादा पुरानी
👉 ये वाहन आज के BS-VI मानकों की तुलना में कई गुना ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं।
🚙 NCR में कितनी गाड़ियाँ हैं सबसे बड़ा कारण?
रिपोर्ट बताती है कि:
- 93% वाहन – लाइट मोटर व्हीकल (LMV) और दोपहिया
- यही वाहन वायु प्रदूषण के सबसे बड़े कारक हैं
- सर्दियों में हालात और बिगड़ जाते हैं क्योंकि प्रदूषक कण हवा में फैल नहीं पाते
🛑 पहले से लागू हैं कड़े नियम
- NGT के 2014-15 के आदेश
- 2018 में सुप्रीम कोर्ट की मुहर
- 1 नवंबर 2025 से – दिल्ली में EOL वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा
- 1 अप्रैल 2026 से – NCR के 5 हाई-डेंसिटी जिलों में भी यही नियम
🌱 सेहत बनाम सुविधा: अब फैसला साफ
यह फैसला सिर्फ कानून नहीं, बल्कि जन-स्वास्थ्य से जुड़ा सवाल है।
दिल्ली-NCR में बढ़ती सांस की बीमारियाँ, बच्चों और बुजुर्गों की परेशानी—इन सबके बीच यह आदेश स्वच्छ हवा की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
