ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की डिप्टी सेक्रेटरी सौम्या चौरसिया को किया गिरफ्तार

Chhattisgarh Liquor Scam:
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की डिप्टी सेक्रेटरी रह चुकी सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी राज्य की राजनीति और प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचाने वाली मानी जा रही है।


⏰ पूछताछ के बाद हुई गिरफ्तारी

सौम्या चौरसिया के वकील फैसल रिज़वी ने बताया कि उन्हें नियमित रूप से पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा था। मंगलवार को शुरुआती पूछताछ के बाद शाम करीब 5:30 बजे ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया
👉 उन्हें बुधवार दोपहर करीब 12 बजे PMLA कोर्ट में पेश किया जाएगा।


💰 ₹3000 करोड़ से ज्यादा के घोटाले का आरोप

ईडी की यह कार्रवाई राज्य एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) द्वारा दर्ज FIR के आधार पर की गई है।
एजेंसी का दावा है कि ₹3000 करोड़ से अधिक के इस कथित शराब घोटाले को पिछली भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में एक संगठित सिंडिकेट के जरिए अंजाम दिया गया।


👥 कौन-कौन शामिल है कथित सिंडिकेट में?

ईडी की जांच में सामने आया है कि इस कथित सिंडिकेट में—

  • वरिष्ठ IAS अधिकारी अनिल टुटेजा
  • आबकारी विभाग के पूर्व एमडी एपी त्रिपाठी
  • कारोबारी अनवर ढेबर

शामिल बताए गए हैं। एजेंसी के अनुसार, इस समूह ने आबकारी व्यवस्था में हेरफेर कर अवैध कमाई की।


🔍 जांच अभी जारी, और कार्रवाई संभव

प्रवर्तन निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि जांच अभी जारी है
शराब घोटाले में—
✔ राजनेता
✔ आबकारी विभाग के अधिकारी
✔ और निजी कारोबारी

सभी ईडी के रडार पर हैं। एजेंसी मनी ट्रेल के आधार पर आगे और गिरफ्तारियां कर सकती है।


⚖️ कोयला लेवी घोटाले में भी हो चुकी है गिरफ्तारी

गौरतलब है कि सौम्या चौरसिया को इससे पहले दिसंबर 2022 में ₹570 करोड़ के कोयला लेवी घोटाले में भी गिरफ्तार किया गया था।
इस साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें—

  • निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू
  • समीर विश्नोई
    सहित अन्य आरोपियों के साथ अंतरिम जमानत दी थी।

🏠 छत्तीसगढ़ छोड़ने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते हुए कड़े निर्देश जारी किए थे—

  • सभी आरोपियों को छत्तीसगढ़ तुरंत छोड़ना होगा
  • राज्य में रहने की अनुमति नहीं
  • पासपोर्ट विशेष अदालत में जमा
  • जांच एजेंसियों से पूरा सहयोग

इन्हीं शर्तों के तहत सौम्या चौरसिया बेंगलुरु में रह रही थीं


🧠 क्यों अहम है यह मामला?

यह मामला केवल एक आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि—

  • राज्य की आबकारी नीति
  • प्रशासनिक पारदर्शिता
  • और राजनीतिक जवाबदेही

पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। आने वाले दिनों में यह जांच छत्तीसगढ़ की राजनीति में और उथल-पुथल ला सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *